अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को दावा किया कि बाइडन प्रशासन ने भारत को उसके चुनाव में मदद के लिए 1.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि आवंटित की। ट्रंप के दावे ने भारत में विवाद पैदा पर दिया है। जयशंकर ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी चिंताजनक है और सरकार इसकी जांच कर रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में आयोजित डीयू साहित्य महोत्सव में भाग लिया। इस दौरान उनसे ‘यूएसएड’ के मुद्दे के बारे में सवाल पूछा गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप प्रशासन के लोगों द्वारा कुछ जानकारी सामने रखी गई है, और जाहिर है कि यह चिंताजनक है। इससे पता चलता है कि ऐसी गतिविधियां हैं जिनका एक निश्चित उद्देश्य है किसी विमर्श या दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।
जयशंकर ने कहा, ‘एक सरकार के रूप में, हम इसकी जांच कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे संगठनों का दायित्व है कि वे जानकारी दें। और, मेरा मानना है कि तथ्य सामने आएंगे।’ उन्होंने कहा कि मैंने पढ़ा, फलां व्यक्ति ने यूएसएड के साथ काम किया…देखिए, यह सवाल नहीं है कि आपने यूएसएड के साथ काम किया या नहीं, यूएसएड को अनुमति दी गई थी। यह ऐतिहासिक रूप यहां काम करता रहा है। लेकिन, यूएसएड को सद्भावनापूर्वक, सद्भावनापूर्ण गतिविधियां करने के लिए यहां अनुमति दी गई थी।’
उन्होंने कहा, ‘अब अमेरिका से यह संकेत मिल रहे हैं कि कुछ गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण थीं। इसलिए इस पर निश्चित रूप से गौर किया जाना चाहिए और यदि ऐसा कुछ है तो मेरा मानना है कि देश को पता होना चाहिए कि दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में कौन लोग शामिल हैं।’
इससे पहले मियामी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) द्वारा दिए गए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वित्त पोषण पर सवाल उठाया था और सवाल किया था कि क्या किसी और को चुनाव जिताने के प्रयास के तहत ऐसा किया गया।