रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बेंगलुरु के येलहंका वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम दुनिया के सामने भारत की औद्योगिक क्षमता और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करेगा, साथ ही मित्र देशों के साथ सहजीवी संबंधों को और मजबूत करेगा। एयरो इंडिया 2025 को महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह आज की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आपसी सम्मान, पारस्परिक हित और पारस्परिक लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में तीन नदियों के त्रिवेणी संगम पर बड़ी संख्या में लोगों के डुबकी लगाने का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आज से एयरो इंडिया के रूप में एक और ‘महाकुंभ’ शुरू हो रहा है। जहां एक ओर प्रयागराज कुंभ ‘आत्म-खोज का कुंभ’ है, वहीं दूसरी ओर एयरो इंडिया का महाकुंभ ‘अनसुंधान का कुंभ’ है। ’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि आज से शुरू हो रहे एयरो इंडिया के कई उद्देश्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एयरो इंडिया का पहला महत्वपूर्ण उद्देश्य न केवल हमारी औद्योगिक क्षमता बल्कि हमारी तकनीकी प्रगति को भी पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है। यह हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
पांच दिवसीय कार्यक्रम में दुनिया भर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग जगत के नेता, वायु सेना अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, शिक्षाविद और अन्य हितधारक भाग लेंगे। आयोजन के दौरान वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों के साथ-साथ भारत की हवाई शक्ति और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह देखते हुए कि सुरक्षा, स्थिरता और शांति राष्ट्रीय सीमाओं से परे साझा संरचनाएं हैं, रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों के हितधारकों की उपस्थिति इस तथ्य का प्रमाण है कि भारत के भागीदार ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अपने दृष्टिकोण को साझा करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है और न ही वह किसी बड़ी शक्ति की प्रतिद्वंद्विता में शामिल हुआ है। हम हमेशा शांति और स्थिरता के समर्थक रहे हैं। यह हमारे मौलिक आदर्शों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत एक परिवर्तनकारी चरण से गुजर रहा है, तेजी से विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। मंत्री ने इस सहयोग के उदाहरण के रूप में गुजरात में सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस के बीच संयुक्त उद्यम का हवाला देते हुए बताया कि रक्षा निर्माता रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं।