अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल देने पर हरियाणा सरकार की कड़ी आलोचना की और इसे सिखों का अपमान और न्याय के लिए खतरा बताया। सिंह ने सरकार पर दोषी अपराधी को पैरोल की अनुमति देकर सिखों के साथ दोयम दर्जे के नागरिक के रूप में व्यवहार करने का आरोप लगाया, जबकि सिख कैदियों को उनकी सजा पूरी करने के बावजूद दशकों तक जेल में रखा। राजनीतिक कारणों से सरकार द्वारा डेरा प्रमुख को बार-बार रिहा करना कानून पर विश्वास को खत्म कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिख कैदी सलाखों के पीछे हैं, बलात्कार और हत्या के दोषी एक व्यक्ति को कई बार पैरोल दी जा रही है।
जत्थेदार ने कहा कि यह व्यवहार सिखों को अपने ही देश में अलग-थलग कर रहा है, जो भारत के लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। उन्होंने याद दिलाया कि सिखों ने भारत की आजादी के लिए महत्वपूर्ण बलिदान दिया है और उनके साथ गलत व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम को मंगलवार को एक महीने के लिए पैरोल दी गई। पैरोल आगामी 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दी गई है।
चुनाव से पहले आता बाहर
बरोदा उप चुनाव: 20 अक्तूबर 2020 को मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। नवंबर 2020 में उप चुनाव हुआ था।
पंजाब विस चुनाव : फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली।
राजस्थान विस चुनाव : 25 नवंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली।
लोकसभा चुनाव : 25 मई 2024 को हुए लोकसभा चुनाव हुए। राम रहीम को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल मिली।
हरियाणा विस चुनाव : 13 अगस्त 2024 को राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली थी।
हरियाणा विस चुनाव : 2 अक्तूबर 2024 को राम रहीम को 20 दिन की सशर्त आपात पैरोल मिली, जबकि 5 अक्तूबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव था।