पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं और ओडिशा की इसमें बड़ी भूमिका है। इतिहास साक्षी है, जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की बड़ी हिस्सेदारी थी, तब पूर्वी भारत का अहम योगदान था। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत में देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब थे, बड़े पोर्ट्स थे, ट्रेड हब थे। ओडिशा साउथ ईस्ट एशिया में होने वाले ट्रेड का प्रमुख सेंटर हुआ करता था। यहां के प्राचीन पोर्ट्स एक प्रकार से भारत के गेट-वे हुआ करते थे।
मोदी ने कहा कि आज भारत विकास के ऐसे पथ पर चल रहा है, जिसको करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं चला रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही नहीं, बल्कि भारत की आकांक्षा हमारी ताकत है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है, ओडिशा बहुत जल्द विकास की उस ऊंचाई पर पहुंचेगा जहां पहुंचने की किसी ने कल्पना भी नहीं की है। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी जी की पूरी टीम ओडिशा के विकास को तेज गति देने में जुटी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा, असाधारण है। ओडिशा, नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। ओडिशा में आशावाद और मौलिकता भी हैं और यहां के लोगों ने हमेशा Outperform करने का जुनून दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज भारत का focus है-Wed in India. आज भारत का मंत्र है- Heal in India. इसके लिए ओडिशा का प्रकृति, यहां की प्राकृतिक सुंदरता बहुत मददगार है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ओडिशा की बड़ी भूमिका है। ओडिशावासियों ने ‘समृद्ध ओडिशा’ के निर्माण का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग मिल रहा है।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं पूर्वी भारत को देश का विकास इंजन मानता हूं। आसियान देशों ने ओडिशा के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक व्यापार में बड़ी हिस्सेदारी में देश के पूर्वी हिस्से का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रही हैं, एआई ‘‘भारत की आकांक्षा’’ है। ओडिशा नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कच्चे माल का निर्यात और तैयार उत्पादों का आयात स्वीकार नहीं किया जा सकता, यहां मूल्य संवर्धन होना चाहिए।