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चंदौसी में बावड़ी की जद में आए मकान को प्रशासन ने 24 घंटे के नोटिस के बाद महज एक घंटे में खाली करा लिया, पीड़ित परिवार ने मुआवजे की गुहार लगाई

चंदाैसी चंदौसी में बावड़ी की जद में आए मकान को प्रशासन ने 24 घंटे के नोटिस के बाद महज एक घंटे में खाली करा लिया। पीड़ित परिवार ने मुआवजे की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें खाली प्लॉट और पड़ोसियों के घरों में शरण लेनी पड़ी। डीएम ने बताया कि मकान का बैनामा गलत था और परिवार का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में जोड़ा गया है।

चंदौसी में बावड़ी के दायरे में आ रहे एक मकान को नगर पालिका परिषद ने खाली कराने के लिए 24 घंटे का नोटिस जारी किया। हालांकि, प्रशासन की सख्ती के चलते एक घंटे के भीतर ही मकान खाली करवा लिया गया। इस दौरान पीड़ित परिवार मुआवजे की गुहार लगाता रहा, लेकिन दबाव में आकर उन्होंने मकान खाली कर दिया और पास-पड़ोस के खाली प्लॉट और घरों में शरण ली।

मकान खाली करने की कार्रवाई

बताया जा रहा है कि बावड़ी का प्रवेश द्वार मकान के नीचे आ रहा था। इस पर नगर पालिका परिषद ने शुक्रवार शाम पांच बजे मकान स्वामिनी गुलनवाज बी को 24 घंटे में मकान खाली करने का नोटिस चस्पा किया। लेकिन महज एक घंटे बाद एसडीएम निधि पटेल और तहसीलदार धीरेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। जेसीबी मशीन भी बुलाई गई और मकान खाली करने के लिए सख्त आदेश दिए गए।

परिवार की आपबीती

गुलनवाज बी के बेटे शाकिब ने बताया कि उनके पिता ने 2017 में यह मकान बनवाया था। वह कारपेंटर का काम करते हैं और उनकी मां सिलाई से परिवार का गुजारा करती हैं। अब मकान छिनने के बाद उनके पास कोई ठिकाना नहीं है। परिवार ने प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की है।

डीएम का बयान

जांच में पाया गया कि मकान का बैनामा गलत है। मकान स्वामी को 20-25 दिन पहले इस बारे में जानकारी दी गई थी, और उन्होंने स्वयं मकान तोड़ने की बात कही थी। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार का नाम पात्रता सूची में शामिल कर लिया गया है। बावड़ी को जल्द ही सुंदर रूप देने का कार्य शुरू किया जाएगा।