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सीएम योगी नेकेजीएमयू का 120वां स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, शिक्षकों को किया गया सम्मानित

लखनऊ आईआईटी कानपुर के निदेशक ने कहा कि एआई के आने से दो सबसे बड़े प्रभाव पड़ने वाले हैं। पहला रोबोटिक्स और दूसरा विश्लेषण। इन दोनों में मानव, मशीन की बराबरी नहीं कर सकता है।

राजधानी लखनऊ में शनिवार को केजीएमयू के 120वां स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। इससे पहले डीन प्रो अमिता जैन ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो मानिंद्र अग्रवाल का स्वागत किया गया।

इस मौके पर प्रो मानिंद्र अग्रवाल ने कहा कि आने वाला समय तकनीक का है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बहुत चर्चा है। कहा जा रहा है कि यह लोगों की नौकरी ले लेगा। वास्तव में ऐसा नहीं है। मशीन कभी मानव का विकल्प नहीं हो सकती। तकनीक मानव की भूमिका बदल सकती है पर विकल्प नहीं बन सकती।मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एआई के आने से दो सबसे बड़े प्रभाव पड़ने वाले हैं। पहला रोबोटिक्स और दूसरा विश्लेषण। इन दोनों में मानव मशीन की बराबरी नहीं कर सकता है। रोबोट के माध्यम से जटिलतम सर्जरी की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की जांच की रिपोर्टिंग में भी तकनीक का रोल अहम होगा। हालांकि बात जब जटिल परिस्थिति में निर्णय लेने की होगी तब मानव का मुकाबला नहीं हो सकता। उन्होंने इस मौके पर आईआईटी कानपुर और केजीएमयू के बीच चल रहे अनुसंधान के बारे में भी जानकारी दी।

टेलीमेडिसिन सेंटर की शुरुआत को मंजूरी

केजीएमयू कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने स्थापना दिवस समारोह में कहा कि संस्थान में प्रदेश का पहला अपेक्स सेंटर फॉर वूमेन एंड चाइल्ड केयर सेंटर की स्थापित होगा। इसका प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया गया है। इसके साथ ही संस्थान में टेलीमेडिसिन सेंटर की शुरुआत को मंजूरी मिल गई है।

साल भर में 22 लाख से ज्यादा मरीजों का किया गया इलाज

कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद में बताया कि पिछले एक साल में संस्थान में कुल 22 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया। इनमें 19 लाख मरीज ओपीडी, 1.50 लाख मरीज भर्ती हुए, एक लाख के करीब छोटे बड़े ऑपरेशन हुए। इसके साथ ही करीब 90 हजार मरीजों को ट्रॉमा सेंटर में इलाज दिया गया। सरकारी योजनाओं से 30 हजार मरीजों को निशुल्क इलाज मिला। इसके साथ ही 22 करोड़ रूपये के 290 प्रोजेक्ट भी मिले।

कार्यक्रम में प्रो. माला कुमार, प्रो. आरके गर्ग, प्रो. एसके द्विवेदी, प्रो. शादाब मोहम्मद, प्रो. अमिता जैन, प्रो. उमाशंकर, प्रो. देवेश सिंह और प्रो. गोपा बनर्जी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। ये सभी शिक्षक कुछ समय में रिटायर होने वाले हैं।