देवबंद। देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों धड़ों ने संभल हिंसा को साजिश करार देते हुए पुलिस फायरिंग में हुई मुस्लिम नौजवानों की मौत पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। कहा कि पुलिस ने सांप्रदायिक लोगों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है। इसके लिए सीधे तौर पर शासन जिम्मेदार है।
सोमवार को जारी बयान में जमीयत-उलेमा-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बिना किसी मुस्लिम पक्ष को भरोसे में लिए टीम का दूसरी बार सर्वे करने पहुंचना ही साजिश का हिस्सा है। सर्वे के दौरान पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ ऐसे लोग भी थे जो भड़काऊ नारे लगा रहे थे। जिसको सुनकर ही मुस्लिम नौजवान घरों से निकले और टकराव की स्थिति पैदा हुई।
अदालत के तत्काल सर्वे के आदेश पर भी उठाया सवाल
मौलाना मदनी ने कहा कि सर्वे करने पहुंची टीम के साथ मौजूद कुछ लोगों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जो हिंसा का कारण बनी। पुलिस ने उन्हें क्यों नहीं रोका। मौलाना महमूद ने अदालत के तत्काल सर्वे आदेश पर भी सवाल उठाया। कहा कि यदि सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत की निगरानी में घटना की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों को सजा और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।
रविवार को हुआ था भारी बवाल
बता दें कि रविवार को संभल में मस्जिद का सर्वे करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में टीम पहुंची थी। उसी दौरान मस्जिद के बाद अराजकतत्व एकत्रित हुए और पुलिस पर फायरिंग और पथराव कर दिया। इस घटना में चार युवकों की मौत भी हुई है। पुलिस के करीब 30 लोग घायल हुए हैं। एक सिपाही की हालात गंभीर है। वहीं पूरे जिले में पुलिस और पीएसी लगी हुई है। हालात पर नजर डीआईजी, डीएम और एसपी लगातार नजर रखे हुए हैं। अब तक इस घटना में पुलिस का मानना है कि ये बवाल सुनियोजित था।