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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में उपचार के दौरान एक और शिशु ने दम तोड़ दिया, मरने वालों की संख्या 11 हुई

झांसी

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में एक और नवजात की मौत हो गई है। डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि रविवार को उपचार के दौरान एक और शिशु ने दम तोड़ दिया। हादसे में मरने वालों की संख्या 11 पर पहुंच गई है।

झांसी मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में आग में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या रविवार को बढ़कर 11 हो गई है। शुक्रवार की रात एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। जिसमें 10 बच्चों की मौत हो गई थी।

डीएम ने बताया कि हादसे के समय एसएनसीयू में 49 नवजात शिशु थे। 39 शिशुओं का रेस्क्यू किया गया था। डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि रविवार को उपचार के दौरान एक और शिशु की मुत्यु हो गई है। इससे हादसे में मरने वालों की संख्या 11 पर पहुंच गई है।

लोड घटाना भूले, शॉर्ट-सर्किट के बाद भड़की आग ने निगलीं 11 जिंदगियां
नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू) में शुक्रवार देर रात लगी आग की वजह साफ नहीं हो सकी। अस्पताल प्रशासन शॉर्ट-सर्किट की वजह से आग लगने की बात तो कुबूल कर रहा है, लेकिन शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ, इसका जवाब देने के लिए अफसर राजी नहीं हैं।

शुरुआती जांच में सामने आया है कि एसएनसीयू में उपकरणों के अत्यधिक लोड की वजह से शॉर्ट-सर्किट हुआ। इसके बाद चिंगारी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक पहुंची। इसके बाद ही आग बेकाबू हो गई। पुलिस आग लगने के अन्य पहलुओं को भी खंगालने में जुटी है।
एसएनसीयू वार्ड में जन्म के तुंरत बाद पीलिया, निमोनिया के शिकार नवजातों को रखा जाता है। नवजात के तापमान को अनुकूल करने के लिए वार्मर भी लगाए गए हैं। जानकारों के मुताबिक यहां क्षमता से तीन गुना अधिक नवजात भर्ती किए गए थे। इस वजह से जीवनरक्षक उपकरणों को लगातार चलाए रखना पड़ रहा था। मॉनिटरिंग मशीन भी लगातार चलती रहती है। तीन-चार घंटे बाद लोड को कम करने के लिए इनमें से कुछ उपकरणों को बंद करना होता है।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण शुक्रवार रात यह उपकरण समय पर बंद नहीं हो सके। इस वजह से यह उपकरण अत्यधिक गर्म हो गए। इससे शॉर्ट सर्किट हुआ, इसकी चपेट में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आ गया। इससे वहां ऑक्सीजन का रिसाव शुरू हो गया। इससे आग तेजी से फैलने लगी। देखते ही देखते आग ने पूरे वार्ड को अपने चपेट में ले लिया।
आखिरी ब्लॉक में भर्ती नवजात नहीं निकाले गए बाहर
चंद मिनट में आग दोनों कमरों में फैल गई। इन दो ब्लॉक में नवजातों को रखा गया था। आग लगते ही पहले ब्लॉक में भर्ती नवजातों को तो तुरंत बाहर निकाल लिया गया लेकिन, आखिरी ब्लॉक में भर्ती नवजात बाहर नहीं निकाले जा सके।

पुलिस के सामने एक चश्मदीद भी सामने आया है। चश्मदीद ने बताया कि ऑक्सीजन पाइप को पिघलाने के लिए कंसंट्रेटर को बंद किए बिना गर्म किया गया। इस वजह से ऑक्सीजन का रिसाव हो गया और वार्ड में आग फैली। हालांकि पुलिस अफसर इस बयान को बहुत अधिक विश्वसनीय नहीं बता रहे। सीएफओ राजकिशोर राय का कहना है कि वहां अधिक विद्युत लोड होने से शाॅर्ट-सर्किट हुआ। अन्य पहलू भी खंगाले जा रहे हैं।