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देवउठनी एकादशी के अवसर पर काशी के घाटों पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा, हर. हर महादेव के जयकारों से पूरा घाट गूंजता रहा

वाराणसी

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को देशभर में देवोत्थानी एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी सहित अन्य नामों से जाना जाता है। इस पर्व के अवसर पर मंगलवार की भोर से ही काशी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। सुबह होने के साथ ही हर – हर महादेव और मां गंगा की जयकारों से सभी घाट गूंज उठे।
Dev Uthani Ekadashi 2024 Devotees took dip in Ganga in Kashi
गंगा में पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालु आचमन कर ब्राह्मणों व भिक्षुकों में चावल, दाल सहित अन्य चीजों का दान किया। शास्त्रों में वर्णित एवं मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन क्षीर सागर में निद्रा के लिए जाते हैं। जहां वह चार मास विश्राम करते हैं।
Dev Uthani Ekadashi 2024 Devotees took dip in Ganga in Kashi
इन चार महीनों में हिंदू धर्म के अनुसार मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इसके पश्चात कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन भगवान श्री हरि विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं।
मंदिरो में भगवान विष्णु की पूजा विशेष पूजा अर्चना कर शंख ध्वनि द्वारा उन्हें जगाया जाता है। इसके साथ ही शालिग्राम एवं माता तुलसी की पूजा की जाती है।