लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयं संघ प्रमुख ने समरसता, सामाजिक कर्तव्य, स्वालंबन, कुटुंब प्रमोदन के साथ पर्यावरण संरक्षण पर लोगों के बीच जाकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने संघ कार्यकर्ताओं को जातिवाद समाप्त कर लोगों में समरसता बढ़ाने के लिए काम करने को कहा। संघ प्रमुख ने भगवान श्री राम की कर्मस्थली चित्रकूट पहुंचे थे जहां मोहन भागवत महाकौशल प्रांत के संघ चालकों के साथ वर्ग सम्मेलन में पंच तत्व पर काम करने पर मंथन कर रहे थे।
दो दिवसीय प्रवास पर 05 नवंबर को प्रातःकाल धर्मनगरी पहुंचे संघ प्रमुख, दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ परिसर स्थित लोहिया सभागार में महाकौशल प्रांत के वर्ग सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन में महाकौशल प्रांत के प्रांत, जिला, नगर, खंड संघ चालक मौजूद थे। सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों के बीच जाकर किस तरह पंच तत्व पर काम करना है, उस पर मंथन करने के साथ उन्हें राह दिखाई। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच सामाजिक सद्भाव बनाने के लिए काम करना है, ताकि समाज में विघटन न होने पाए। जातिवाद को समाप्त कर समरसता को बढ़ावा देना है।
संघ प्रमुख ने कहा कि लोगों के बीच बैठकर काम करें, ताकि एक-दूसरे से दूरियां खत्म हो सकें। उन्होंने कहाकि पुरानी परंपराओं को खत्म करना, सभी मानव हैं इसलिए ऊंच-नीच के भाव को समाप्त करने हैं। उन्होंने कहा कि संघ कार्यकर्ता एक-दूसरे के सुख-दुख में बराबर के सहभागी बने और सहयोग करे, वह जहां रह रहे हैं वहां सामंजस्य बनाने का काम करें। संघ प्रमुख ने विदेशी वस्तुओं का परित्याग करने पर जोर दिया। कहा कि लोगों के बीच जाकर अपने देश की बनी वस्तुओं के प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें। कार्यकर्ता लोगों में स्वदेशी की भावना जागृत करें, ताकि लोगों मे स्वालंबन का भाव पैदा हो। उन्होंने कहा कि परिवारों के बीच हो रहा विघटन चिंता का विषय है, लोगों के बीच जाकर परिवारों को जोड़ने का काम करना है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना बहुत ही जरूरी है, लोगों को बताएं कि प्लास्टिक का उपयोग न करें। अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए लोगों जागरूक करें। नदी, तालाब, सरोवरों के किनारे पेड़ लगवाएं।