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‘दाना’ के कारण बंगाल में अबतक चार की मौत; ओडिशा में डेढ़ लाख एकड़ भूमि पर उपजी फसलें नष्ट

भुवनेश्वर: चक्रवात दाना ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाई मचा दी। कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। पश्चिम बंगाल में चक्रवात के कारण अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि कुल 5,84,888 लोगों को क्षतिग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ये लोग फिलहाल 6,008 चक्रवात आश्रयों में रह रहे हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और दवाओं समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य 10 लाख लोगों को बचाना है। ओडिशा सरकार ने चक्रवात दाना से संबंधित कार्य के दौरान कर्तव्य में लापरवाही और लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में चार अधिकारियों को निलंबित भी किया।

सीएम माझी ने जानकारी दी कि राहत-बचाव शिविरों में स्थानांतरित किए गए 4431 गर्भवती महिलाओं में से 1600 ने बच्चे को जन्म दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा, “4431 गर्भवती महिलाओं में से 1600 ने बच्चे को जन्म दिया। मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हैं। 24 घंटे स्थिति पर नजर रखी जा रही है। भगवान जगन्नाथ की कृपा से हम चक्रवात दाना पर सफलतापूर्वक काबू पा लेंगे।”

10 लाख लोगों को बचाने का लक्ष्य
सीएम मोझी ने बताया कि बालासोर जिले में सबसे अधिक संख्या में लोगों को बचाया गया है। इस क्षेत्र से 1,72,916 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। इसके अलावा मयूरभंज से 100,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। भद्रक से 75,000, जजपुर से 58,000 और केंद्रपाड़ा से 46,000 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 10 लाख लोगों को निकालने का लक्ष्य रखा था। सीएम माझी ने कहा, हमने लगभग सभी को जोखिम वाले स्थान से निकाल लिया है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चक्रवात दाना के लिए राज्य का तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों पर संतुष्टि जताई।

1.75 लाख एकड़ भूमि पर उपजी फसलें नष्ट
चक्रवात दाना के कारण पश्चिम बंगाल में दो और लोगों की मौत हो गई। इसी के साथ मरने वालों की संख्या चार हो गई है। 31 वर्षीय चंदन दास की मौत बिजली के तार को छूने के कारण हुई। शुक्रवार को बिजली के झटके लगने से दो लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार को लगभग 12.05 बजे ओडिशा के केंद्रपाड़ा में भितरकनिका और भद्रक जिले में धामरा के बीच लगभग 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। इस दौरान भूस्खलन भी हुआ।