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बहराइच हिंसा में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, न होता बवाल अगर एसओ की बात सुन लेते अफसर

बहराइच: बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पुलिस अफसरों की लापरवाही का ही नतीजा है। महराजगंज कस्बा जहां पर हिंसा हुई वहां पर हरदी थाना लगता है। यहां के एसओ ने प्रतिमा विसर्जन के दो दिन पहले पुलिस के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर पीएसी व केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती करने की मांग की थी।

लेकिन पुलिस अफसरों ने एसओ की बात पर ध्यान नहीं दिया, उसी का नतीजा रहा कि पूरे जिले में हिंसा फैल गई। एक युवक की हत्या कर दी गई। हालांकि अब लापरवाही सामने आने पर शासन ने जहां पहले सीओ महसी को निलंबित किया था, वहीं सोमवार को एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को भी हटाते हुए डीजीपी कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। नए एएसपी दुर्गाशंकर तिवारी बनाए गए है।

हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज कस्बे में बीते 13 अक्तूबर को प्रतिमा विसर्जन जुलूस में भारी संख्या में लोगों के शामिल होने व इस दौरान माहौल खराब होने की आशंका पहले ही जताई गई थी। तत्कालीन हरदी एसओ रहे सुरेश कुमार वर्मा ने अपने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर क्षेत्र में विसर्जन को सही तरीके से निपटाने के लिए डेढ़ सेक्शन पीएसी व पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात करने की मांग की थी। लेकिन पुलिस अफसरों ने एसओ के पत्र पर गौर नहीं किया और महराजगंज विसर्जन जुलूस में पुलिस सुरक्षा की सही से तैनाती नहीं की।

इसी का नतीजा रहा कि यहां हिंसा हुई और रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना के बाद से अभी तक पूरे जिले में माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण करने के लिए पुलिस व प्रशासन की कसरत जारी है। यदि एसओ के पत्र पर ध्यान दिया जाता और भारी पुलिस बल वहां तैनात होता तो यह हिंसा न होती। एसओ की ओर से अफसरों को पुलिस की मांग के लिए भेजा गया पत्र भी  के पास है।

पुलिसिंग में फेल रहे एएसपी
23 फरवरी 2023 को जिले में बतौर एएसपी ग्रामीण का कार्यभार संभालने वाले पीपीएस अधिकारी पवित्र मोहन त्रिपाठी पुलिसिंग में यहां बहुत सफल नहीं रहे। उनके क्षेत्र में कई बड़ी वारदातें हुई। हत्या, चोरी, लूट जैसे मामले हुए। नानपारा कस्बे में भी दो समुदाय के बीच हिंसा भड़की और फिर महसी हिंसा में लापरवाही पर उनको अपनी कुर्सी ही गंवानी पड़ी है। एएसपी का मीडिया से लेकन आम जनता में भी व्यवहार ठीक नहीं रहा। इसी का नतीजा रहा कि ग्रामीण इलाके में अपराध व अपराधी बेलगाम रहे।