बंगलूरू: कर्नाटक हाईकोर्ट से दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोपी जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रज्ज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उन पर कई महिलाओं से दुष्कर्म का भी आरोप है। पूर्व सांसद के खिलाफ मामले दर्ज होने के बाद जेडी-एस ने उन्हें पार्टी से भी निलंबित कर दिया था।
दरअसल प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। उन्होंने इस साल हासन से एनडीए उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले सोशल मीडिया पर कई अश्लील वीडियो वायरल हुए थे। प्रज्वल पर ये भी आरोप हैं कि वे महिलाओं का यौन शौषण करते वक्त खुद ही वीडियो रिकॉर्ड करते थे और बाद में रिकॉर्डिंग दिखाकर महिलाओं को ब्लैकमेल कर बार-बार उनका शोषण करते थे।
हासन में मतदान के ठीक एक दिन बाद 27 अप्रैल को प्रज्वल जर्मनी चले गए थे। सीबीआई ने उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था। यौन शोषण और दुष्कर्म के मामले में विशेष अदालत ने हासन सांसद के खिलाफ 18 मई को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। 31 मई को जैसे ही प्रज्वल बंगलूरू के कैंपेगौड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचे, तो एसआईटी ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
इससे पहले 19 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि पीड़िताओं के नाम न उजागर किए जाएं। सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका नामंजूर कर दी।
प्रज्वल रेवन्ना की मां को मिल चुकी है जमानत
हाईकोर्ट ने मामले में प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दे दी थी। भवानी रेवन्ना पर प्रज्वल रेवन्ना के शोषण का शिकार हुई एक महिला का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। इसे लेकर कर्नाटक एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।