पति की लंबी आयु और सलामती के लिए विवाहित महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक कुछ भी खाना-पीना नहीं होता है। वैसे तो व्रत रखने के लिए धार्मिक और स्वास्थ्य के हिसाब से कई लाभ हैं। पर अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह के व्रत करने से बचना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, विशेषतौर पर जो महिलाएं डायबिटीज की शिकार हैं उन्हें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
मधुमेह से पीड़ित महिलाओं के लिए, अगर सावधानी से व्रत न रखा जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए परंपरा और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव या डायबिटीज के कारण होने वाली समस्याओं से बचाव के लिए करवा चौथ व्रत के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सुझावों का पालन करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज की शिकार महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, किसी भी बीमारी की शिकार हैं या दवा चल रही है तो बिना डॉक्टरी सलाह के ज्यादा देर खाली पेट नहीं रहना चाहिए। डायबिटीज की स्थिति में उपवास करने का निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। डायबिटीज में व्रत या ज्यादा समय तक खाली पेट रहने के कारण हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर) की समस्या हो सकती है।
शरीर में न होने पाए पानी की कमी
करवा चौथ में पारंपरिक रूप से निर्जल उपवास किया जाता है, लेकिन मधुमेह से पीड़ित महिलाओं के लिए हाइड्रेशन बहुत जरूरी है। पूरे दिन हाइड्रेशन के स्तर को बनाए रखने के लिए अपना उपवास (सरगी के दौरान) शुरू करने से पहले पानी या हर्बल टी का सेवन करें। निर्जलीकरण के कारण रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होने का खतरा रहता है जिसके कारण कई जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए अपने व्रत की शुरुआत अच्छी तरह से हाइड्रेटेड होकर करें।
सरगी में पौष्टिक चीजों का करें सेवन
उपवास के दौरान शरीर में ऊर्जा के स्तर को बेहतर बनाए रखने के लिए सरगी बहुत जरूरी है। मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को प्रोटीन, जटिल कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा से भरपूर संतुलित भोजन करना चाहिए। साबुत अनाज, मेवे, दही और फल जैसे खाद्य पदार्थ का सेवन करें। सरगी में ज्यादा मीठी चीजों, पैक्ड जूस का सेवन न करें, इससे शुगर का लेवल बढ़ने का खतरा हो सकता है।