बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने गुरुवार को देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 45 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जिन लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उनमें आवामी लीग के कई शीर्ष नेता शामिल हैं। इन पर हाल ही में हुए छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ कथित तौर पर अपराध का आरोप है।
जस्टिस मोहम्मद गोलम मुर्तजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ दायर गिरफ्तारी की मांग वाली दो याचिकाओं को लेकर यह आदेश जारी किया। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने यह जानकारी दी। न्यायाधिकरण ने अफसरों को शेख हसीना समेत सभी 46 लोगों को 18 नवंबर तक गिरफ्तार करने और पेश करने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में जबरदस्त हिंसा हुई थी। शेख हसीना सरकार पर इस हिंसा के दौरान छात्र आंदोलन को दबाने की कोशिशों के आरोप लगे थे। इस आंदोलन में हिंसा के चलते सैकड़ों लोगों की जान भी गई थी। हालांकि, प्रदर्शनों के बढ़ने के बाद हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और वे भारत रवाना हो गई थीं। मौजूदा समय में शेख हसीना भारत में ही हैं।
शेख हसीना को लेकर क्या रहा है अंतरिम सरकार का रुख?
शेख हसीना के भारत रवाना होने के बाद बांग्लादेश में नोबेल विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इस सरकार ने छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने और हत्या के आरोपियों के खिलाफ अदालत में मामले चलाने का दावा किया था।