रायबरेली: रायबरेली-ऊंचाहार रेलखंड पर स्लीपर रखकर मालगाड़ी पलटाने की साजिश की जांच बुधवार को शुरू हो गई। शुरुआती जांच में मालगाड़ी पलटाने की साजिश में सात से आठ लोगों के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है। वजह एक स्लीपर का वजन करीब तीन क्विंटल होता है। ऐसे में एक-दो लोग स्लीपर उठाकर उसे रेल लाइन तक नहीं पहुंचा सकते हैं। ऐसे में जाहिर है कि ऐसा करने वालों की संख्या ज्यादा थी। इस साजिश के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं, यह पता लगाने के लिए जीआरपी, आरपीएफ के अधिकारी सिविल पुलिस का भी सहारा ले रहे हैं।
दरअसल, सोमवार की रात क्लिंकर लादकर एक मालगाड़ी प्रयागराज से रायबरेली की ओर जा रही थी। इस दौरान लक्ष्मणपुर व दरियापुर स्टेशन के बीच क्रासिंग संख्या 15 सी बेनीकामा गांव के पास इंजन में खड़खड़ाहट की आवाज हुई थी जिसके बाद लोको पायलट ने गाड़ी रोक दिया। लोको पायलट ने रेल की पटरी पर स्लीपर रखने की सूचना दी। इसके बाद आरपीएफ व रेलवे अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच की थी। इस दौरान ट्रेन लगभग डेढ़ घंटे मौके पर खड़ी रही। मामले में लोको पायलट की सूचना के आधार पर ऊंचाहार आरपीएफ थाने में अज्ञात अराजकतत्वों के खिलाफ पटरी पर स्लीपर रखे जाने का मामला दर्ज करया गया।
मालगाड़ी पलटाने की साजिश का मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया। यही वजह रही कि बुधवार को रेलवे के अलावा आरपीएफ, जीआरपी के अधिकारी यहां मौके पर पहुंचकर पड़ताल की और जानने का प्रयास किया कि आखिर इन सबके पीछे किसकी साजिश थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो शुरुआती जांच में मालगाड़ी पलटाने के पीछे बड़ी साजिश बताई जा रही है। स्लीपर का वजन भारी होने की वजह से इस कार्य में सात से आठ लोगों के होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। जांच करने मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने आसपास के लोगों से भी बातचीत करके इन सबके पीछे किन लोगों का हाथ है, यह भी जानने का प्रयास किया। करीब दो घंटे तक अधिकारियों ने मौके पर रहकर हर बिंदु पर पड़ताल की।
स्लीपर रखे जाने की पुष्टि नहीं- वरिष्ठ खंड अभियंता
वरिष्ठ खंड अभियंता (रेल पथ) इजहार कलीम ने बताया कि जांच में स्लीपर रखें जाने की पुष्टि नही हुई है। चरवाहों ने पटरी पर गिट्टी रखी थी। गिट्टियां ही इंजन में खड़खड़ाई थी। गिट्टी पिसने के निशान मिले हैं। वहीं, इस बाबत आरपीएफ थाना प्रभारी समर बहादुर सिंह ने बताया कि अज्ञात अराजकतत्वों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।