मुंबई: महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। चुनाव से पहले ही राकांपा-एसपी के नेताओं में असंतोष फैल गया। दरअसल, हर्षवर्द्धन पाटिल की उम्मीदवारी को लेकर शरद पवार की घोषणा ने पार्टी के एक वर्ग को नाराज कर दिया। राकांपा-एसपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर इस निर्णय पर दोबारा विचार नहीं किया गया पुणे जिले के इंदापुर में पार्टी रैंक को लेकर झड़प होगी। उन्होंने हर्षवर्धन की उम्मीदवारी को वापस लेने की मांग भी की। राकांपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के विरोधी हर्षवर्द्धन पाटिल सोमवार को भाजपा से राकांपा-एसपी में शामिल हो गए। पूर्व राज्य मंत्री को शरद पवार की उपस्थिति में राकांपा-एसपी में शामिल किया गया।
हर्षवर्द्धन पाटिल को इंदापुर से टिकट मिलने की संभावना
हर्षवर्द्धन पाटिल को उनके गृहनगर इंदापुर से टिकट मिलने की संभावना है। यह सीट फिलहाल अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के पास है। सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने पाटिल को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लोगों से पाटिल को विधानसभा में भेजने की अपील की। पाटिल की उम्मीदवारी को लेकर शरद पवार के समर्थन से राकांपा-एसपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल गया। बता दें कि अभी तक किसी भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
राकांपा-एसकी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष
राकांपा-एसपी के स्थानीय कार्यकर्ता प्रवीण माने, अप्पासाहेब जगदले, भरत साह और तीन अन्य उम्मीदवार इंदापुर से टिकट की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि सुप्रिया सुले के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके कार्यों और ईमारदारी को देखने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है? बता दें कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले जून में पुणे जिले के बारामती से लगातार चौथी बार चुनी गईं।
पाटिल की उम्मीदवारी की घोषणा को लेकर शरद पवार के बयान के बाद अप्पासाहेब जगदले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं को जानने के लिए वे 11 अक्तूबर को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक का आयोजन करेंगे। पाटिल का नाम लिए बिना जगदले ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर यह निर्णय नहीं लिया गया तो इंदापुर में पार्टी रैंक के भीतर झड़प होगी। पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में बढ़ते असंतोष के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया सुले ने कहा कि जो लोग निराश हैं, उनकी चिंताओं को दूर करना उनकी (सुले) जिम्मेदारी हैं।