नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के व्यवसायी सुनील दम्मानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें शीर्ष अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी। बता दें, दम्मानी को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल अगस्त में अवैध जुआ महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत: कारोबारी के वकील
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से जेल में बंद व्यवसायी के वकील ने हाल ही में आग्रह किया था कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इसी याचिका पर आज सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि दम्मानी ने आरोपों की गंभीरता को समझे बिना ऐसा किया।
इन शर्तों के साथ दी गई जमानत
पीठ ने कहा कि दम्मानी पिछले साल 23 अगस्त से हिरासत में हैं। इसलिए उसे जमानत देने से इनकार करने वाले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि गुण-दोष के आधार पर कुछ कहे बिना हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को जमानत की शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यदि किसी अन्य जांच में दम्मानी की आवश्यकता न हो तो अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, बशर्ते कि वह संबंधित जिले में ईडी कार्यालय में हर 15 दिन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। वह निचली अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं।’
13 महीने से अधिक समय से जेल में
सुनवाई शुरू होने पर दम्मानी के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि उनके मुवक्किल 13 महीने से अधिक समय से जेल में हैं। मुख्य आरोपी जांच में शामिल नहीं हुआ है और मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने कहा कि इस मामले में 45 आरोपी हैं। कारोबारी पर अपराध से अर्जित धन को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि अवैध तरीके से विदेश भेजने का आरोप है।