वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का विरोध और पीड़िता के लिए न्याय मांगने वाले छात्र-छात्राओं को बीएचयू प्रशासन द्वारा निलंबित कर दिया गया गया है। प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई घटना के 11 महीने बाद की गई है। छात्रों ने कहा कि जब तीन में से दो आरोपी जेल से बाहर हैं, तब ये कार्रवाई की गई।
छात्रों ने कहा कि यह कार्रवाई उन छात्रों के खिलाफ की गई है, जो मौजूदा सरकार की नीतियों से असहमति रखते हैं। कैंपस में हमेशा समाज या अन्य जरूरी सवालों पर मुखर रहे हैं।
हॉस्टल, लाइब्रेरी की सुविधा भी छिनी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को 15-30 दिनों के लिए ही निलंबित किया है। इस दौरान इन छात्रों को हॉस्टल, लाइब्रेरी और एचआरए की सुविधा से भी बेदखल कर दिया गया है। इसके अलावा इस समय में प्रदर्शनकारी छात्रों की काउंसलिंग करने और उनसे कम्युनिटी सर्विस कराने का आदेश दिया गया है।
ये था मामला
पिछले साल 1 नवंबर की रात आइआइटी बीएचयू कैंपस में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। सिंह द्वार पर इस मामले का विरोध करने वाले दो संगठनों एबीवीपी और भगत सिंह छात्र मोर्चा के बीच जमकर मारपीट हुई थी। इसके बाद कई छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया गया। अब 11 महीने बाद उनमें से कई छात्रों को बीएचयू ने सस्पेंड किया है।