विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए अध्यक्ष फिलेमोन यांग से यहां अलग-अलग मुलाकात की। उन्होंने यांग के विविधता में एकता, शांति और मानव निरंतरता के दृष्टिकोण का समर्थन किया। साथ ही पश्चिम एशिया और यूक्रेन में संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की।
बता दें, जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका पहुंचे हुए हैं। उन्होंने गुरुवार को इस सत्र से इतर गुटेरेस और यांग से मुलाकात की।विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस से बातचीत करना हमेशा खुशी की बात होती है। मुलाकात के दौरान भविष्य के लिए समझौता, बहुपक्षवाद में सुधार, एआई, जलवायु कार्रवाई, पश्चिम एशिया और यूक्रेन पर चर्चा की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का वादा
विश्व के नेताओं ने रविवार को सर्वसम्मति से ‘भविष्य का समझौता’ पारित किया। साथ ही 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का वादा किया और इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता को पहचाना। इसके अलावा, सुरक्षा परिषद के विस्तार करने पर भी सहमत हुए ताकि वह वर्तमान संयुक्त राष्ट्र सदस्यता का अधिक प्रतिनिधित्व करे और समकालीन दुनिया की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करे।
क्या बोले विदेश मंत्री?
जयशंकर ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए अध्यक्ष फिलेमोन यांग से न्यूयॉर्क में आज मिलकर खुशी हुई। हमने इस दौरान उन्हें विविधता, शांति, मानव स्थिरता और गरिमा में एकता के उनके दृष्टिकोण के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
ग्लोबल साउथ के हितों को आगे बढ़ाने में भारत की सराहनीय भूमिका: यांग
यांग ने भी एक्स पर जयशंकर के साथ हुई मुलाकात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ग्लोबल साउथ के हितों को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका की सराहना की। यूएन महासभा के अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे आज भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का स्वागत करते हुए खुशी हुई। हमने यूएनजीए के 79वें सत्र के लिए प्राथमिकताओं और प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की और भविष्य के शिखर सम्मेलन के नतीजों पर बात की। मैंने ग्लोबल साउथ के हितों को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका की भी सराहना की।’