भारत के खिलाफ तल्ख तेवर दिखाते रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब कुछ नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ एजेंडा चलाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि, द्वीपीय देश की धरती पर विदेशी सेना की मौजूदगी एक ‘गंभीर समस्या’ है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका पहुंचे राष्ट्रपति मुइज्जू ने गुरुवार को प्रिंसटन विश्वविद्यालय के डीन लीडरशिप सीरीज के एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।
‘मालदीव के लोग देश में एक भी विदेशी सैनिक नहीं चाहते’
मालदीव के समाचार पोर्टल adhadhu.com ने राष्ट्रपति के हवाले से लिखा कि, हम कभी भी बिंदु पर, किसी एक देश के खिलाफ नहीं रहे हैं। यह भारत को बाहर निकालने का एजेंडा नहीं है। मालदीव को अपनी धरती पर विदेशी सैन्य उपस्थिति के कारण गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा है। मुइज्जू ने कहा, मालदीव के लोग देश में एक भी विदेशी सैनिक नहीं चाहते हैं। पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में काफी तनाव देखने को मिला है।
भारत ने वापस बुला लिए थे अपने सैनिक
मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह इंडिया द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानों का संचालन करने वाले लगभग 90 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले। जिसके बाद भारत ने 10 मई तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया था और उनकी जगह डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टरों का संचालन करने के लिए असैन्य कर्मियों को नियुक्त किया था।
इस कार्यक्रम में मुइज्जू ने आगे जोर देकर कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने वाले उप-मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। मैंने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। मैं किसी का भी इस तरह अपमान नहीं करूंगा। चाहे वह नेता हो या कोई आम व्यक्ति। हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है। बता दें कि, इस साल की शुरुआत में मालदीव के युवा मंत्रालय के उप-मंत्रियों को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर की थी। जिस पर विवाद खड़ा होने के बाद उन मंत्रियों को पद से हटा दिया गया था।