श्रीलंका में अगले हफ्ते राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। इसी को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। इस बीच, नेशनल पीपल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके ने आगामी चुनाव के लिए अपना अभियान पूरा कर लिया है। उन्होंने दावा किया है कि वह इस साल का चुनाव जीतने जा रहे हैं।
इस दिन होना है मतदान
बता दें, श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए 21 सितंबर को मतदान होना है। ऐसे में 48 घंटे पहले यानी बुधवार को प्रचार अभियानों पर रोक लगा दी गई है। मतदान शनिवार को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर होगा। यहां 1.7 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं।
निश्चित रूप से बनाएंगे सरकार
जनता विमुक्ति पेरामुना यानी जेवीपी के नेता दिसानायके ने कोलंबो के घनी आबादी वाले नुगेगोडा में अपनी अंतिम रैली की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी जीत सुनिश्चित है। हम 22 सितंबर की सुबह राष्ट्रपति पद पर जीत हासिल कर निश्चित रूप से सरकार बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी एनपीपी जीत के बाद संपूर्ण शासन और सामाजिक परिवर्तन लाएगी। उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारे पास तमिल और मुस्लिम अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों के लोगों का अविश्वसनीय समर्थन है। हमारी सरकार एक सच्ची श्रीलंकाई सरकार होगी, जो कठिन संघर्षों के वर्षों के दौरान केवल एक सपना ही रह गई थी।’
क्या है एनपीपी और जेवीपी में रिश्ता?
गौरतलब है, दिसानायके नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के प्रमुख हैं, जो समान विचारधारा वाले समूहों का गठबंधन है। लेकिन वह मुख्य रूप से 2014 से जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता हैं, जो श्रीलंका का सबसे प्रभावशाली मार्क्सवादी संगठन है, जिसने 1971 और 1987-90 में राज्य की सत्ता पर कब्जा करने के लिए खूनी विद्रोह किए थे। उत्तर कोरिया ने 1971 के विद्रोह का सक्रिय रूप से समर्थन किया था, जिसे भारत सहित कई देशों की मदद से श्रीलंकाई सुरक्षा बलों ने कुचल दिया था, जिससे दोनों पक्षों में हजारों लोग मारे गए थे।