अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाया। पाकिस्तान के खिलाफ उसका सख्त रवैया बरकरार है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में मदद करने वाले कई संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनके बारे में दावा किया जा रहा है कि ये पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की आपूर्ति में शामिल हैं। इस फैसले पर पाकिस्तान की ओर से कुछ नहीं कहा गया है।
इसी तरह, वॉशिंगटन ने पिछले साल अक्तूबर में भी चीन की तीन कंपनियों पर कार्रवाई की थी। इन पर भी पाकिस्तान को मिसाइल-संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति करने आरोप था।
पांच कंपनियों पर कार्रवाई
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बैलिस्टिक मिसाइलों और कंट्रोल्ड मिसाइल उपकरणों और प्रौद्योगिकी के प्रसार में शामिल पांच कंपनियों और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है। खास तौर से, विदेश मंत्रालय के कार्यकारी आदेश 13382 के अनुसार, बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) को नामित किया गया है, जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके वितरण के साधनों के प्रसारकों को लक्षित करता है।
इन पर बड़ा आरोप
विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री ने शाहीन-3 तथा अबाबील प्रणालियों तथा संभावित रूप से बड़ी प्रणालियों के लिए रॉकेट मोटर्स के परीक्षण हेतु उपकरण खरीदने के लिए पाकिस्तान के साथ काम किया है।
चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध
मिलर ने कहा कि प्रतिबंधों में चीन स्थित कंपनियों हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज और शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित इनोवेटिव इक्विपमेंट और एक चीनी नागरिक को भी शामिल किया है, क्योंकि उन्होंने जानबूझकर मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रतिबंधों के तहत उपकरण स्थानांतरित किए थे।
उन्होंने कहा कि जैसा कि आज की कार्रवाइयों से साफ पता चलता है कि अमेरिका प्रसार और संबंधित खरीद गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगा, चाहे वे कहीं भी हों।
चीन ने क्या कहा?
वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा, ‘चीन एकतरफा प्रतिबंधों और लंबे समय तक अधिकार क्षेत्र का दृढ़ता से विरोध करता है, जिसका अंतरराष्ट्रीय कानून या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राधिकरण में कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजिंग चीनी कंपनियों और व्यक्तियों के अधिकारों और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।