इंफाल: मणिपुर में हिंसा की घटनाएं फिर से बढ़ गई हैं और अब उग्रवादियों ने रॉकेट और ड्रोन्स से हमले शुरू कर दिए हैं। चुराचांदपुर से सटे बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार को 10 घंटे के भीतर दो रॉकेट हमले हुए। अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर और इंफाल ईस्ट जिलों में शुक्रवार रात को कई ड्रोन उड़ते देखे गए। इससे लोगों में इतनी दहशत फैल गई कि लोगों ने अपने-अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं।
ड्रोन्स हमले को लेकर दहशत में लोग
हाल ही में इंफाल वेस्ट जिले में दो जगहों पर ड्रोन और बम से हमला किया गया। ड्रोन्स देखे जाने के बाद से मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल ईस्ट जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर इलाकों के लोग दहशत में हैं। हालात को देखते हुए सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार रात को कई लाइटिंग राउंड फायर भी किए गए। इससे लोग डर गए और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। यह साफ नहीं हो पाया कि ये फायर सुरक्षा बलों ने किए या उग्रवादियों ने।
मणिपुर में ड्रोन का हथियार के रूप में इस्तेमाल पहली बार 1 सितंबर को इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में देखा गया था। इस हमले में बंदूकों का भी इस्तेमाल किया गया था, जिसमें दो लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। अगले दिन करीब तीन किलोमीटर दूर सेनजाम चिरांग में रिमोट से नियंत्रित छोटे उड़ने वाले उपकरण का फिर से इस्तेमाल किया गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।
‘मणिपुर में बिगड़ रहे हालात’
कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी के प्रवक्ता ने कहा कि ‘कुकी लोगों की आक्रामकता में बढ़ोतरी हुई है। बीते कुछ दिनों में ड्रोन से बमबारी की घटनाएं हुई हैं। आज दो मिसाइल हमले भी हुए हैं, चिन-कुकी नार्को आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया यह सबसे बड़ा हमला है, जिन्होंने पहाड़ी इलाकों में शरण ली हुई है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री मरिमबाम कोइरेंग सिंह के घर पर हमला हुआ है। इस हमले में उनकी प्रतिमा और घर को नुकसान पहुंचा है। हालात नियंत्रण से बाहर हैं। केंद्रीय बल पहाड़ी इलाकों पर तैनात हैं, लेकिन वह हालात को लेकर बेपरवाह हैं। कॉर्डिनेशन कमेटी ने मणिपुर में आपातकाल का एलान किया है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वह सुरक्षित स्थानों पर शरण ले लें।’