बंगलूरू: कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। इस पर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्ष का दावा है कि सिद्धारमैया इसे लेकर काफी चिंता में हैं। हालांकि, सीएम ने साफ कह दिया है कि वह मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) मामले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर न तो परेशान और न ही चिंता में हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया विपक्षी नेता इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके द्वारा बोला जा रहा झूठ सामने न आ जाए।
यह है पूरा मामला
दरअसल, कर्नाटक में मुदा जमीन आवंटन घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। राज्यपाल के आदेश को सीएम सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अगस्त तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने 19 अगस्त के अंतरिम आदेश को भी बढ़ा दिया। इसमें हाईकोर्ट ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट को सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई को अगली कार्यवाही तक स्थगित करने के लिए कहा था।
मैंने कभी झूठ नहीं बोला: सीएम
इसी पर सीएम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष झूठ बोल रहा है और इस बात को लेकर परेशान हैं कि कही यह सच साबित न हो जाए। मैंने कभी झूठ नहीं बोला और न ही कोई गलत काम किया। इसलिए मैं परेशान नहीं हूं।’
नौ सितंबर तक कार्यवाही पर रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को मुदा मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक नौ सितंबर तक बढ़ा दी।
सीएम कौन बनेगा यह आलाकमान तय करेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष आरवी देशपांडे द्वारा रविवार को मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताने पर सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाता है? यह विधायक और आलाकमान तय करेंगे।