नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 3-4 सितंबर को ब्रुनेई के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के नए क्षेत्रों को लेकर चर्चा होगी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा है। भारत और ब्रुनेई के राजनयिक संबंधों को स्थापित हुए 40 साल हो गए हैं। इसी मौके पर पीएम मोदी की यह ब्रुनेई यात्रा हो रही है।
ब्रुनेई के साथ इन क्षेत्रों में बढ़ेगा सहयोग
सोमवार को नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के पूर्व के मामलों के सचिव जयदीप मजूमदार ने कहा कि भारत और ब्रुनेई के संबंधों में रक्षा एक अहम स्तंभ है। पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए संयुक्त कार्यकारी समूह बनाने पर चर्चा होगी। जयदीप मजूमदार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के बुलावे पर ब्रुनेई जा रहे हैं। ब्रुनेई के सुल्तान साल 1992, 2008 में भारत का द्विपक्षीय दौरा कर चुके हैं। साथ ही वह साल 2012 और 2018 में आसियान देशों के सम्मेलन में भी शामिल होने भारत आए थे। जयदीप मजूमदार ने कहा कि ब्रुनेई के साथ रक्षा, व्यापार और निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही ऊर्जा, अंतरिक्ष, तकनीक, स्वास्थ्य, संस्कृति जैसे क्षेत्रों पर भी बात होगी।
व्यापार के लिए सिंगापुर दौरा अहम
विदेश मंत्रालय के पूर्व मामलों के सचिव जयदीप मजूमदार ने बताया कि प्रधानमंत्री ब्रुनेई के बाद सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे। यह छह साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का सिंगापुर दौरा हो रहा है। मजूमदार ने बताया कि पीएम मोदी का सिंगापुर दौरा व्यापार और निवेश के लिहाज से अहम है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। साथ ही देश में बीते साल हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में सिंगापुर का बड़ा हिस्सा था। सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सिंगापुर दौरे पर पीएम मोदी विभिन्न सीईओ के साथ बैठक करेंगे।
समुद्री सुरक्षा को लेकर भी सिंगापुर से होगी बात
पीएम मोदी के सिंगापुर दौरे पर मेरीटाइम सिक्योरिटी (समुद्री सुरक्षा) पर भी बातचीत होगी। मजूमदार ने कहा कि दक्षिणी चीन सागर की स्थिति को देखते हुए समुद्री सुरक्षा पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि ब्रुनेई और सिंगापुर दौरे पर पीएम मोदी म्यांमार के हालात पर भी चर्चा कर सकते हैं।