फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों की बीच प्रतिद्वंदिता अक्सर देखने को मिलती है। ऐसे कई प्रकरण अब तक सुर्खियां बटोर चुके हैं। रजनीकांत और दलपति विजय के बीच भी ऐसा ही एक मामला सामने आ चुका है। दरअसल, एक बार रजनीकांत ने अपने एक बयान में कौवे और हंस का उदाहरण दिया था, जिसके बाद लोग यह अनुमान लगाने लगे कि रजनीकांत ने यह बातें विजय पर कटाक्ष करने के लिए कही हैं।
प्रतिद्वंदिता की उड़ीं अफवाहें
इसके बाद दोनों सितारों के प्रशंसक एक दूसरे के सामने आ गए थे। ज्यादातर लोगों को ऐसा लगा कि दोनों सितारों के बीच कड़ी प्रतिद्वंदिता है। हालांकि, इन सब के बावजूद विजय और रजनीकांत के बीच वास्तविक समीकरण कभी भी खराब नहीं हुए। फिल्म लाल सलाम के ऑडियो लॉन्च के दौरान रजनीकांत को इन अफवाहों का खंडन तक करना पड़ा।
रजनीकांत को देनी पड़ी सफाई
इन अफवाहों को निराधार बताते हुए तब रजनीकांत ने लोगों से कहा था कि इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है। साथ ही, उन्होंने यह भी याद दिलाया था कि उन्होंने विजय को अपनी आंखों के सामने बड़ा होते हुए देखा है। एक दूसरे के विरोधी होने की आशंकाओं को खारिज करते हुए उन्होंने खुलासा किया था कि वह विजय 13 साल के थे तब वह उनसे मिले थे।
विजय को बचपन से जानते हैं रजनीकांत
रजनीकांत ने कहा था, “विजय मेरे सामने ही बड़े हुए। कई पुरानी फिल्मों की शूटिंग विजय के घर पर ही हुई थी। जब विजय 13 साल के थे, तब फिल्मकार एसए चंद्रशेखर ने मुझे उनसे मिलवाया था। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं विजय से कहूं कि वह पहले अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। तब मैंने उन्हें सलाह दी थी कि वह अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करें।”