प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बांके बिहारी कॉरिडोर के अभाव में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई बुधवार को टल गई। अब मामले की सुनवाई 28 अगस्त को होगी। इस केस की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ कर रही है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजय मिश्र ने सरकार व शशि शेखर मिश्रा, संजय गोस्वामी, संकल्प गोस्वामी ने याचियों का पक्ष रखा था। याची अधिवक्ताओं ने कोर्ट का ध्यान सावन महीने में मथुरा में बड़े पैमाने पर मनाई जाने वाली हरितालिका तीज व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की ओर दिलाते हुए भीड़ प्रबंधन पर जोर दिया था। कोर्ट ने सरकार से दो दिन में आयोजन के मौके पर भीड़ प्रबंधन को लेकर योजना की विस्तृत जानकारी अदालत में पेश करने को कहा है।
इससे पहले इस याचिका पर लंबी सुनवाई की गई थी। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए वृंदावन (मथुरा) बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। न्यायालय ने मंदिर के आसपास के अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया है। हालांकि, उसने कॉरिडोर निर्माण के लिए देवता के बैंक खाते से 262.50 करोड़ रुपये के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। साथ ही कॉरिडोर को लेकर प्रस्तावित अधिग्रहण की कार्यवाही को लेकर उठ रही आपत्तियों पर कोर्ट से साफ तौर पर कहा था कि किसी को आपत्ति होने पर मानव जीवन को दांव पर नहीं लगाया जा सकता।