प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में पीठासीन अधिकारी रहे शिवनंदन सिंह के खिलाफ कड़ी करवाई की है। सेवानिवृत्ति से एक माह पहले निस्तारित दुर्घटना दावा की 182 मुकदमों की पत्रावलियों को सीज करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की अदालत ने आईसीआईसीआई इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दाखिल अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामला मुरादाबाद न्यायालय से जुड़ा है। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के न्यायाधीश ने अपने सेवानिवृत्त होने से एक माह पहले ही सेंकड़ों फाइलों का निस्तारण कर दिया। बीमा कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिवनंदन सिंह की ओर से निस्तारित पत्रावलियां पर पारित आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही जनपद न्यायाधीश को आदेशित किया है कि सभी रिकॉर्ड सील कर दिए जाएं।
यह है मामला
मुरादाबाद मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के न्यायाधीश शिवानंद सिंह हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। इनके सेवानिवृत होने के बाद एक इंश्योरेंस कंपनी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। आरोप लगाया गया कि इन्होंने ने बिना तथ्यों को जांचे-परखे 45 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना इंश्योरेंस कंपनी पर लगा दिया है। जबकि, पत्रावली पर तथ्य अलग है।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सात अगस्त को अपना आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि इन्होंने सेवानिवृत्त होने से एक माह पहले तक जो आदेश 182 पत्रावलियों पर पारित किए गए हैं उन पर रोक लगाई जाती है। साथ ही जनपद न्यायाधीश को आदेशित किया गया है कि जल्द से जल्द सारी फ़ाइलों और रिकॉर्ड को सील कर दिया जाए। कोर्ट ने इस आदेश की प्रति मुरादाबाद जिला न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश को भी प्रेषित की है।