इंफाल: मणिपुर के 10 कुकी और जो विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में विधायकों ने सरकार के उस फैसले से नाराजगी जताई है, जिसमें मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियंस को हटाकर उनकी जगह सीआरपीएफ की बटालियंस तैनात करने का फैसला किया गया है। पत्र में मांग की गई है कि जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में असम राइफल्स को ही तैनात रखा जाए।
‘केंद्र का फैसला भयावह साजिश’
कुकी-जो विधायकों ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा कि ‘जब केंद्र सरकार संघर्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है तो ऐसे वक्त में असम राइफल्स को हटाकर ऐसे नए सुरक्षा बलों की तैनाती करना, जो इलाके से वाकिफ भी नहीं हैं, उससे हिंसा में बढ़ोतरी हो सकती है।’ उल्लेखनीय है कि ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि सरकार कंगवई और कांगपोकपी इलाकों से असम राइफल्स को हटाकर सीआरपीएफ की तैनाती करने की तैयारी कर रही है। कुकी जो विधायकों ने असम राइफल्स को निष्पक्ष बल बताया और दावा किया कि केंद्र सरकार के फैसला एक भयावह साजिश है।
जम्मू में तैनात की जा सकती हैं असम राइफल्स की बटालियन
रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार असम राइफल्स की नौवीं और 22वीं बटालियन को हटाकर इनकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बटालियंस की तैनाती कर सकती है। विधायकों ने पीएम मोदी से इस फैसले में हस्तक्षेप की अपील की है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि असम राइफल्स की बटालियंस को मणिपुर से हटाकर जम्मू में तैनात किया जाएगा। हाल के समय में जम्मू में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है, यही वजह है कि सरकार जम्मू में सैन्य तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रही है।
पत्र में कहा गया है, ‘मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में असम राइफल्स के पास सबसे अधिक अनुभव है, साथ ही स्थानीय लोगों, कुकी-जो जनजातियों और मैतेई समुदाय, दोनों के बारे में उन्हें अद्वितीय जानकारी है। क्षेत्र की संस्कृति और भू-राजनीतिक संवेदनशीलताओं के बारे में भी उनकी समझ शांति के माहौल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रही है।’ पत्र में मांग की गई है कि अगर असम राइफल्स की बटालियंस को कहीं और तैनात किया जाता है तो उनकी जगह भी असम राइफल्स की बटालियंस को ही तैनात किया जाए।