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‘जन औषधि केंद्रों से दवाइयां खरीदकर मरीजों ने बचाए 28000 करोड़’, स्वास्थ्य मंत्री ने दी जान

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत कम कीमतों पर बेची जाने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों से लोगों को अब तक 28,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने में मदद मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रील जेपी नड्डा ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देशभर में जन औधषि केंद्रों के माध्यम से 1,965 दवाएं और 235 चिकित्सा उपकरण बेचे जाते हैं। यह केंद्रों पर 52 से 80 फीसदी कम कमत पर उपलब्ध हैं।

संसद में प्रश्नकाल के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों पर कीमतों में कमी के कारम मरीज अबतक 28,000 करोड़ रुपये बचाने में सफल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इलाज के लिए सस्ती दवाएं और विश्वसनीय प्रत्यारोपण (अमृत) योजना के तहत मरीज 24,273 करोड़ रुपये बचा सकते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना फार्माक्यूटिकल्स विभाग द्वारा जन औषधि केंद्र नामक दुकानों में गरीबों और वंचितों को कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इस योजना का एकमात्र उद्देश्य कम कीमतों पर दवाएं उपलब्ध करके प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य देखभाल बजट को कम करना है।

जेपी नड्डा ने बताया कि अगस्त 2022 से कुल 3,029 ट्रांसजेंडर को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत शामिल किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ट्रांसजेंडर को राष्ट्रीय स्वस्थ्य बीमा योजना का लाभ देने के लिए राष्ट्री. स्वास्थ्य प्राधिकरण और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बीच एक समझैता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। जेपी नड्डा ने बताया कि लाभार्थियों को स्वास्थ्य लाभ पैकेज 2022 के अनुसार कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं।