Thursday , November 7 2024
Breaking News

पुडुचेरी को राज्य बनाने की मांग उठती रही है, फिलहाल स्थिति बदलने पर विचार नहीं, लोकसभा में केंद्र का बयान

 नई दिल्ली:   पुडुचेरी विधानसभा की ओर से बार-बार केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग की जाती रही है। इस पर फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है। इसलिए वहां यथास्थिति ही रहेगी। यह जानकारी मंगलवार को संसद में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दी। इसके अलावा उन्होंने आतंकवाद रोकने और आपदा प्रबंधन को लेकर भी जानकारी दी।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में कहा कि पुडुचेरी में एक मजबूत शासन और प्रशासनिक व्यवस्था है। मौजूदा संवैधानिक और कानूनी ढांचे के भीतर केंद्रशासित प्रदेश ने पर्यटन के लिए सुविधाएं विकसित की हैं। औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया है। विधिवत विचार करने के बाद फैसला लिया गया कि भौगोलिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्थिति के कारण वहां यथास्थिति रखी जाए। गृह राज्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन (एपीआर) अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया गया है। शेष प्रावधान कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

आतंकवाद रोकने के लिए सरकार अपना रही जीरो टॉलरेंस नीति
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आतंकवाद रोकने के लिए सरकार जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है। जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है। यहां आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए बड़ी रणनीति बनाई गई है। साथ ही आतंकवादी और उनका सहयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। इसमें आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की संपत्ति जब्त करने और कुर्की की गई। साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 21 जुलाई 2024 तक जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकी हमले हुए। इनमें 11 जवान और 14 लोगों की मौत हुई। जबकि 24 मुठभेड़ और सर्च ऑपरेशन चलाए गए। जबकि पथराव और हड़ताल का एक भी मामला सामने नहीं आया। सरकार आतंकी हमलों को रोकने के लिए पूरी तरह से काम कर रही है।

आपदा प्रबंधन के लिए मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को दिए 500 करोड़
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष से 15वें वित्त आयोग के तहत मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। तीनों महानगर बाढ़ नियंत्रण के लिए उपाय करेंगे। जबकि चार शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे को 250 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। उन्होंने बताया कि
एनडीएमएफ से मिलने वाले बजट के अलावा बाढ़ प्रबंधन के लिए राज्य 10 फीसदी राशि देते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में चेन्नई शहर में शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के लिए 561.29 करोड़ रुपये के ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें केंद्र सरकार 500 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी देगी।