श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयदासा राजपक्षे ने सोमवार को कहा कि उन्होंने आगामी 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ विजयदासा राजपक्षे राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के बाद राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले दूसरे उम्मीदवार बन गए हैं। बता दें कि बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
मैं एक नए मोर्चे के तहत चुनाव लडूंगा- विजयेदासा
विजयेदासा राजपक्षे ने आगे कहा कि मैंने चुनाव लड़ने के लिए अपने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया है। मैं एक नए मोर्चे के तहत चुनाव लडूंगा, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। जब मैंने और राष्ट्रपति ने चुनाव लड़ने की अपनी मंशा की घोषणा की, तो कुछ मुद्दे उठे। मुख्य मुद्दा यह था कि मंत्रिमंडल के दो लोग राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, भले ही हम दो अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे थे। राष्ट्रपति ने इस पर मेरी राय मांगी और मैंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
सिरिसेना कर रहे हैं राजपक्षे का समर्थन
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई क्षेत्रों में मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने आगे विश्वास जताया कि राष्ट्रीय चुनाव आयोग आगामी चुनावों के संबंध में स्वतंत्र रूप से और संविधान के अनुसार काम करेगा। बता दें कि विजयदासा राजपक्षे को पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना का समर्थन प्राप्त है, जो फ्रीडम पार्टी के एक गुट का नेतृत्व करते हैं।
विपक्ष का दावा राजपक्षे की एसएलपीपी सदस्यता है अमान्य
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को एसएलएफपी के नेता के रूप में उनके कामकाज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी। बाद में सिरिसेना ने एसएलएफपी के नेता राजपक्षे को नियुक्त किया, जिस पर एक अन्य कैबिनेट मंत्री निमल सिरिपाला डी सिल्वा के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी एसएलएफपी गुट ने अदालत में विवाद खड़ा कर दिया। विपक्ष का दावा है कि राजपक्षे एसएलपीपी के सदस्य बने हुए हैं और उनकी कथित एसएलएफपी सदस्यता अमान्य है। हालांकि, राजपक्षे ने दावा किया कि श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के 90 प्रतिशत सदस्य उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं।