हृदय रोगों का खतरा किसी भी उम्र में हो सकता है, यहां तक कि 10-15 साल के बच्चों के भी इसका शिकार पाया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से हम सभी की लाइफस्टाइल गड़बड़ हो गई है, आहार में अशुद्धि बढ़ गई है इसका हृदय की सेहत पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है। हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) का खतरा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप हृदय पर दबाव बढ़ाता है वहीं हाई कोलेस्ट्रॉल धमनी में प्लाक के निर्माण का कारण बनता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है, इससे भी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
हार्ट अटैक दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाने के कारण हार्ट अटैक हो सकता है। ये समस्या आखिर क्यों बढ़ रही है, कैसे इससे सुरक्षित रहा जा सकता है? इस बारे में बातचीत में लखनऊ के वरिष्ठ कार्डियोवस्कुलर सर्जन डॉ एस.पी. तिवारी ने विस्तार से जानकारी दी है।
हृदय रोग और इसके कारक
डॉक्टर कहते हैं, हृदय रोगों के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं और इन सभी पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और शुगर का बढ़ना हार्ट के लिए खतरनाक माना जाता है। हम दैनिक जीवन में कई ऐसी गलतियां करते हैं जो इन कारकों को बढ़ा देती हैं। अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है पर हमारी यही गलती एक दिन बड़ी समस्या बनकर उभरती है। बढ़ता मोटापा हृदय रोगों सहित कई अन्य क्रोनिक बीमारियों के लिए प्रमुख जोखिम कारक माना जाता रहा है, देश की बड़ी आबादी इसका शिकार है।
आइए जानते हैं कि – हृदय रोगों से बचने के किन चीजों से बिल्कुल दूरी बना लेने की जरूरत है?
इन चीजों से बना लें दूरी
डॉ तिवारी बताते हैं, हृदय रोग से जुड़ी अपनी चिंताओं और दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के तरीकों के बारे में जानने के लिए नियमित रूप से अपने डॉक्टर की सलाह लेते रहें। स्वस्थ और पौष्टिक आहार के साथ नियमित व्यायाम तो जरूरी है ही साथ ही कुछ आदतें हैं जिन्हें तुरंत छोड़ देना आवश्यक है। ये आदते हमारे हृदय और रक्त वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं और हार्ट अटैक के खतरे को कई गुना तक बढ़ा सकती हैं।