बीजिंग: गाजा में छिड़े युद्ध के बीच हमास और फतह समेत 14 फलस्तीन प्रतिद्वंदी गुटों ने एकजुटता दिखाते हुए सालों पुराने बंटवारे को खत्म करने का फैसला किया है। फलस्तीन गुटों ने चीन के दखल के बाद मंगलवार एक बैठक के दौरान घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। तीन दिन से गुटों के बीच बातचीत कराने में जुटे चीन के विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को इस्राइली हमलों से जूझ रही गाजा पट्टी में मजबूत और टिकाऊ युद्ध विराम की दिशा में पहला कदम बताया।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गुटों के नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह सहमति फलस्तीन मुद्दे के बीच एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि इस घोषणा के तहत सभी प्रतिद्वंदी गुटों ने गाजा पर शासन करने के लिए अंतरिम राष्ट्रीय सुलह सरकार की स्थापना पर सहमति जताई है। समझौते का उद्देश्य इस्राइल हमले के दौरान फलस्तीनियों को एकजुट रखना है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी मौसा अबू मरजौक और फतह के महमूद अल अलौल के अलावा 12 अन्य फलस्तीन गुटों के प्रतिनिधियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि यह पहला मौका है जब 14 फलस्तीन गुट एक मंच पर आए हैं। सुलह फलस्तीन गुटों का आंतरिक मामला है, लेकिन मौजूदा समय में यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग के बिना संभव नहीं है। वांग ने कहा कि पीएलओ (फलस्तीन लिबरेशेन ऑर्गनाइजेशन) फलस्तीन लोगों का एकमात्र प्रतिनिधि है। लेकिन गाजा युद्ध समाप्त होने के बाद अस्थायी राष्ट्रीय सुलह सरकार को लेकर फैसला होगा। हालांकि वांग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस समझौते तहत हमास की क्या भूमिका होगी, जोकि पीएलओ का हिस्सा नहीं है।