लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बुरे प्रदर्शन के कारण उत्तर प्रदेश भाजपा में शुरू हुए आंतरिक कलह के बीच 27 जुलाई को पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अहम बैठक कर सकता है। इस दिन प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शिरकत करने दिल्ली आएंगे। इसी दिन उनकी पीएम मोदी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक हो सकती है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते केंद्रीय नेतृत्व की प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मुलाकात हो चुकी है।
इन मुलाकातों के दौरान शीर्ष नेतृत्व ने आम चुनाव में पार्टी के बुरे प्रदर्शन का फीड बैक लिया था। चौधरी ने हार संबंधी कारणों से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीएम मोदी को अवगत कराने के बाद गृह मंत्री शाह के साथ बैठक की थी। इससे पहले संगठन महासचिव बीएल संतोष पार्टी के औसत प्रदर्शन पर अपनी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को सौंप चुके हैं।
शीर्ष नेतृत्व से होगी योगी की मुलाकात
पार्टी सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग की बैठक के बाद सीएम योगी की पीएम मोदी से मुलाकात संभव है। सीएम की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हो सकती है। इन मुलाकातों में भी हार की समीक्षा के साथ भविष्य की रणनीति पर चर्चा का अनुमान लगाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव राज्य विधानसभा की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर भी गंभीर चर्चा हो सकती है।
योगी पर अपने उठा रहे सवाल
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में पार्टी के सहयोगी दलों के साथ अपने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। बीते दिनों पार्टी विधायक फतेह बहादुर सिंह और सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक श्रवण निषाद ने खुद की हत्या की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। इससे पहले अपना दल एस की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने नियुक्तियों में नॉट फाउंड सुटेबल की आड़ में आरक्षित वर्ग को नौकरी से वंचित करने का आरोप लगाया था। इस बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी को पत्र लिख कर संविदा और आउट सोर्सिंग से हुई नियुक्तियों में आरक्षण नियमों के पालन की जानकारी मांगी है।