भारत का ओलंपिक में बैडमिंटन में प्रदर्शन सराहनीय रहा है और इससे हमेशा देश को पदक की उम्मीद रहती है। महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने रियो और टोक्यो में पदक जीते थे और इस बार में बैडमिंटन में पदक की आस रहेगी। पुरुष सिंगल्स वर्ग में चुनौती पेश करने वाले एचएस प्रणय पिछले कुछ समय से बीमार रहे जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा था। प्रणय अपने कोच तथा पूर्व खिलाड़ी आरएमवी गुरुसाईदत्त की देखरेख में खेल की गति को बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।
चोट और बीमारियों से जूझते रहे प्रणय
प्रणय पिछले कुछ समय के लगातार बीमारियों की चपेट में रहे हैं। थॉमस कप विजेता की के इस अहम सदस्य को पेट की गंभीर बीमारी के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा था। इसके बाद पीठ की चोट ने उन्हें परेशान किया और फिर चिकनगुनिया के कारण उन्हें एक सप्ताह तक विश्राम करना पड़ा। विश्व चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीतने के बाद प्रणय को दूसरी बार पेट की उस तरह की गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा जो उन्होंने अतीत में झेला था। यह बीमारी इतनी गंभीर थी कि वह कुछ भी खा नहीं पा रहे थे। इस बीमारी के कारण वह लगभग छह महीने तक खेल से दूर रहे।वह इसके बावजूद दो प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे।
गुरुसाईदत्त ने कहा, ऑस्ट्रेलिया ओपन के बाद हमने जो तैयारियां शुरू की थी, वे सही रास्ते पर हैं, हम सही रास्ते पर है। इस यात्रा में प्रणय के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि भले ही वह संघर्ष कर रहा था लेकिन अभ्यास में कोई कोताही नहीं बरत रहा था और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा था। उसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा इसलिए को बनाये रखना आसान नहीं था।’’
उन्होंने कहा, वह उस तरह का खिलाड़ी है जो बड़े मौकों पर दमदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। उसने पिछले तीन-चार वर्षों में कई बार ऐसा किया है। एक कोच के रूप में मुझे और राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को उन पर भरोसा है। हम कुछ नया तरीका आजमाना चाहते थे। पिछले तीन-चार टूर्नामेंटों के आधार पर गोपी सर का मानना है कि उसे लंबी अवधि के मैच खेलने होंगे। हमने इस पहलू पर काम किया।