अलीगढ़: अलीगढ़-कानपुर मार्ग (जीटी रोड) पर अकराबाद थाना क्षेत्र के गांव जसरथपुर में बने ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास 15 दिसंबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। जबकि 5 जून 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया। लेकिन फिर भी इस ट्रॉमा सेंटर पर संसाधन नहीं हैं। डॉक्टरों तक का टोटा है। यह केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। यहां पहुंचने वाले घायल भी भगवान भरोसे ही रहते हैं।
अलीगढ़ में जीटी रोड पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। दुर्घटना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए गांव जसरथपुर में ट्रॉमा सेंटर खोला गया। यह ट्रॉमा सेंटर एटा, सिंकदराराऊ, कासगंज मार्ग पर होने वाले हादसों के घायलों को इलाज मुहैया कराने के लिए सबसे निकटतम सेंटर है। लेकिन यहां घायलों को इलाज मिल ही नहीं पा रहा है। न पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही दूसरे संसाधन। यह हालात तब हैं जब ट्रॉमा सेंटर के रिकार्ड के अनुसार, यहां रोजाना 20-30 घायल इलाज के लिए पहुंचते हैं।
पूरे स्टाफ की नहीं है तैनाती
इमरजेंसी डॉक्टर नरेंद्र तिवारी ने बताया कि हादसे में घायल मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है। अभी चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ की पूरी तैनाती नहीं है। सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
नियुक्ति के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शीघ्र ही चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। इसके बाद ट्रॉमा सेंटर उचित तरीके से क्रियाशील हो जाएगा। वर्तमान में दो डॉक्टरों की तैनाती है। एक डॉक्टर स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण छुट्टी पर चल रहे हैं।