शाहजहांपुर में गर्रा नदी की बाढ़ का पानी तीसरे दिन भी दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बह रहा है। हाईवे पर कार-बाइक व अन्य छोटे वाहनों का संचालन फिलहाल बंद है। शनिवार को सुबह से गर्रा और खन्नौत का जलस्तर घटने लगा, लेकिन अभी भी दोनों नदियां उफान पर बह रही हैं। बाढ़ के कारण 10 हजार से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज में जलभराव के चलते स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। स्वास्थ्य सेवाएं बहाल होने में अभी काफी वक्त लग सकता है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज से बरेली मोड़ की तरफ जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी घटा है। शुक्रवार को बरेली मोड़ मार्ग पर चार से पांच फीट तक पानी बह रहा था, जो शनिवार को घटकर दो फीट से नीचे आ गया। बाढ़ का पानी जरूर घटने लगा है, लेकिन लोगों की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन प्रभावित लोगों का मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है।
शाहजहांपुर में गर्रा और खन्नौत नदियों के उफनाने के बाद नगरीय क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी। गर्रा नदी की बाढ़ से हालात सबसे ज्यादा खराब हो गए थे। राजकीय मेडिकल कॉलेज में जलभराव के बाद मरीजों को शिफ्ट करना पड़ा। प्रमुख कॉलोनी भी बाढ़ की चपेट में गई। बाढ़ के पानी से हाईवे पर यातायात ठप हो गया। शनिवार को बाढ़ से थोड़ी राहत मिली है।
गर्रा में तीन सौ सेंटीमीटर और खन्नौत में 450 सेंटीमीटर का जलस्तर कम हो गया। पानी कम होने से लोगों को राहत मिली है। हालांकि, कॉलोनियों में पानी होने के चलते वह अभी घर नहीं लौट सके हैं। खन्नौत की तरफ लोग घरों में लौटने लगे हैं। दूसरी तरफ जिगनेरा स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी पानी भरने से ओपीडी की सुविधा शुरू नहीं हो सकी। नेशनल हाईवे से भी सिर्फ बड़े वाहन निकाले जा रहे हैं।
बाढ़ में फंसे 225 लोगों को बचाया
गर्रा नदी में बाढ़ आने से बृहस्पतिवार रात से शुक्रवार सुबह तक कांशीराम कॉलोनी, आवास विकास कॉलोनी और अजीजगंज क्षेत्र की अधिकतर कॉलोनियों में बने मकानों में कई फुट पानी भरने के बाद गाजियाबाद से आई एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार सुबह से ही बचाव कार्य में जुट गई। एसडीआरफ और पीएसी की बटालियन भी लोगों को घर से निकालने में लगी रही।