नई दिल्ली: आम बजट में मोदी सरकार अपनी दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी जदयू और बिहार का विशेष ख्याल रखेगी। जदयू की मांग के अनुरूप बजट में राज्य के कुछ शहरों में मेट्रो परियोजना, कम से कम आधा दर्जन नए एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की जाएगी। जदयू की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर नए साल में विचार किया जाएगा, जबकि थर्मल प्लांट की स्थापना की मांग पर फिलहाल विचार विमर्श जारी है।
जदयू के वरिष्ठ नेता के आम बजट में बिहार का विशेष ख्याल रखे जाने की संभावना को पार्टी की दबाव की रणनीति से जोड़ना उचित नहीं है। दरअसल राज्य की सत्ता में भाजपा भी साझेदार है और अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक कारणों से भी राज्य को प्राथमिकता मिलनी तय है। फिर नीति आयोग से लेकर आर्थिक जगत की दूसरी रिपोर्ट भी बताती है कि बिहार का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।
जदयू ने बीते दिनों बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने, थर्मल प्लांट की स्थापना करने, नौ नए एयरपोर्ट, चार मेट्रो लाइन और सात नए मेडिकल कॉलेज की मांग की थी। पार्टी ने 20 हजार किमी की सड़क की मरम्मत के लिए अलग से राशि उपलब्ध कराने की भी मांग की थी। इनमें आधा दर्जन नए एयरपोर्ट, दो शहरों में मेट्रो, चार से पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक विशेष राज्य का दर्जा और थर्मल प्लांट की स्थापना पर संभवत: नए साल में विचार विमर्श होगा।
विशेष राज्य के दर्जे की मांग हुई तेज
बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग पिछले कई वर्षों से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक मुद्दा बनी हुई है। केंद्रीय बजट के करीब आने के साथ, एक बार फिर से यह मांग जोर पकड़ने लगी है। नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस मांग को अपनी पार्टी और एनडीए के घटक दलों के सुर में सुर मिलाते हुए मजबूती से उठाया है। इससे पहले एनडीए में शामिल चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की वकालत कर चुके हैं।