हैदराबाद: हैदराबाद में आईआरएस अधिकारी के नाम और लिंग परिवर्तन की एप्लीकेशन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब वे एम अनुसूया की जगह एम अनुकाथिर सूर्या के नाम से पहचानी जाएंगी। हैदराबाद में इससे पहले भी कई अनोखे फैसले लिए जा चुके हैं। जो कि देशभर के लिए मिसाल होते हैं।
एम अनुसूया जो कि वर्तमान में हैदराबाद में सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के मुख्य आयुक्त के कार्यालय में बतौर संयुक्त आयुक्त के पद पर तैनात हैं। पिछले दिनों अनुसूया ने अपना नाम और लिंग परिवर्तन करने के लिए सरकार से अनुरोध किया था। एम अनुसूया अपना नाम बदलकर एम अनुकाथिर सूर्या और लिंग को महिला से पुरुष में परिवर्तित करवाना चाहती थीं।
इस मामले पर विचार करने के बाद वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने अनुसूया के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। उन्होंने आदेश में कहा कि अधिकारी को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों में श्री एम अनुकाथिर सूर्या करने की अनुमति दे दी है।
पहले भी इन मामलों में हैदराबाद बन चुका मिसाल
हैदराबाद ने इन मामलो में पहले भी मिसाल कायम कर चुका है। जून 2015 में नेशनल अकादमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के बीए एलएलबी छात्र ने अनुरोध किया था कि स्नातक सर्टिफिकेट में लिंग की पहचान नहीं होनी चाहिए। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने नाम के साथ ‘Ms’ की जगह ‘Mx’ लिखने का छात्र का अनुरोध स्वीकार किया। इस आदेश के बाद छात्र ने कहा कि यह एक पहला सकारात्मक कदम है।
वहीं 2022 में विश्वविद्यालय ने समलैंगिक छात्रों को समायोजित करने के लिए एक छात्रावास तल नामित किया। इसके बाद पिछले साल हैदराबाद अस्पताल में एमडी इमरजेंसी मेडिसिन प्रोग्राम में स्थान प्राप्त करने के बाद डॉ. रूथ पॉल जॉन देश में स्नातकोत्तर के बाद पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बन गई।
इसके बाद पिछले साल जुलाई में तेलंगाना सरकार ने उस्मानिया जनरल अस्पताल में पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक स्थापित किया औश्र वहां तैनात डॉक्टरों को संवेदीकरण प्रशिक्षण दिया गया।