बंगलूरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले के सिलसिले में उनके और नौ अन्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने यह शिकायत मैसूर के विजयनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर विवाद की जांच की मांग की है। कृष्णा ने आरोप लगाया है कि मैसूर जिला कलेक्टर और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके साल मल्लिकार्जुन, उपायुक्त, तहसीलदार, उप रजिस्ट्रार और मुदा के कुछ अधिकारी भूमि आवंटन घोटाले में शामिल हैं।
शिकायत में यह आरोप लगाए
स्नेहमयी ने शिकायत में कहा कि सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुन ने अन्य सरकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मदद से 2004 में अवैध रूप से जमीन खरीदी और जाली दस्तावेजों के आधार पर इसकी रजिस्ट्री कराई। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्वती, मल्लिकार्जुन और एक अन्य व्यक्ति ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल मुदा से जुड़े करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए किया।
सीबीआई को सौंपें जांच: जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को कहा।
कोई घोटाला नहीं हुआ: शिवकुमार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को मुदा में किसी भी घोटाले के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में जितने भी घोटाले हुए हैं, वे सभी भाजपा के कार्यकाल के दौरान हुए हैं। हम सत्र के दौरान सभी आरोपों का जवाब देंगे।’
मुख्यमंत्री ने कही ये बात
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) की जमीनों के आवंटन में कोई घोटाला हुआ है या नहीं। प्लॉट आवंटन में शामिल लोगों का तबादला कर दिया गया है और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जांच में लगे हुए हैं। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
क्या है मामला?
कर्नाटक में भूमि आवंटन घोटाला सुर्खियों में रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान मुदा की लाभार्थी थीं। उस समय मैसूर के प्रमुख स्थानों में 38,284 वर्ग फुट भूमि उन्हें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में आवंटित की गई थी। मैसूर के केसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें उपहार में दी थी। मुआवजे के तौर पर दक्षिण मैसूर में एक प्रमुख इलाके में उन्हें जमीन दी गई। आरोप है कि केसर गांव की जमीन की तुलना में इसकी कीमत काफी अधिक है। इसके कारण मुआवजे की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं।