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भारी बारिश कहीं बढ़ा न दे मुसीबत, मानसून में इन तरीकों से करें घर की देखभाल

मोनिका अग्रवाल

बारिश का मौसम आपको पसंद होगा। लेकिन इस मौसम में आपका घर खास देखभाल की मांग करता है, क्योंकि बारिश की बूंदें घर पर कई तरह से हमला करती हैं और उसे नुकसान पहुंचा सकती हैं।

“बरसात के दिन जितने खूबसूरत होते हैं, उतने ही सिर दर्द की वजह भी बन सकते हैं। इसलिए अपने घर की अच्छी तरह से जांच करना जरूरी है, वरना परेशानियां बढ़ सकती है।” निलेश फोन पर अपने दोस्त साहिल को समझा रहा था, जिसे सुनकर उसकी पत्नी सरिता जोर से हंसी और बोली, “तुम भी निलेश, कुछ भी बोलते रहते हो! अरे बारिश आने से भला एकदम से इतनी परेशानियां कैसे आ सकती हैं? हम या वह कोई झोपड़ी में थोड़ी न रह रहे हैं, पक्की छतों के मकान में हैं।” इस बात पर निलेश मुस्कुराया और बोला, “बारिश के उत्साह के बीच ये छोटी-छोटी परेशानियां भी बड़ी हो जाती हैं, सरिता। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हर कोई बरसात आने से पहले ही अपने घर का ‘चेकअप’ कर ले।” निलेश काफी हद तक सही कह रहा है। बरसात का मौसम घर में कई तरह की परेशानियों को जन्म दे सकता है। इसलिए अगर आप अपने घर की तरफ थोड़ा-सा ध्यान दें और घर का चेकअप कर उसे बरसात के मौसम के लिए तैयार करें तो इस खूबसूरत मौसम को आप सच में एंजॉय कर पाएंगी।

छत और नालियां

“पिछले साल बरसात में छत पर पानी इकट्ठा हो गया और मुझे पता भी नहीं चला। राहुल रोज छत पर टहलने जाता था और कुछ दिन बाद उसे डेंगू हो गया। बता नहीं सकती, मैं कितना परेशानी में आ गई!” मीनल ने अपनी सहेली सोनाक्षी से कहा। असल में, बारिश में अक्सर छत टपकने और नालियों में पानी रुकने की समस्या आने लगती है। इस वजह से छत पर पानी जमा हो जाता है, जिसमें मच्छर पनपने लगते हैं। ऐसे में मानसून से पहले ही आप घर की छत की स्थिति को जांच लें। अगर कोई दरार या क्षतिग्रस्त हिस्सा है तो उसकी मरम्मत करा लें। साथ ही देख लें कि छत, बालकनी और आंगन की नालियां साफ हों।

दीवारें और खिड़कियां

“मम्मी देखो, यहां खिड़की के पास कितनी बड़ी दरार है! बारिश शुरू होने वाली है, फिर यहीं से मच्छर घर में आने लग जाएंगे।” आकाश के इतना कहते ही मधु सोच में पड़ गई और फिर उसने आर्किटेक्ट से संपर्क किया। आर्किटेक्ट ने मधु को बताया कि छत के साथ ही मानसून आने से पहले आपको अपनी दीवारों और खिड़कियों के हाल जान लेने चाहिए। अगर आपकी दीवारों पर दरारें हैं तो उनमें सीमेंट भरना सही रहेगा, जिससे सीलन नहीं आएगी। अगर आपकी किसी खिड़की से बारिश का पानी अंदर आता है तो आप उसे किसी मजबूत पॉलीथिन से पैक करें। साथ ही घर में बरसाती कीड़ों के प्रवेश को रोकने के लिए खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं। अगर दरवाजों में गैप है तो डोर गार्ड लगवा सकती हैं। ये आसानी से ऑनलाइन मिल जाते हैं, जो पानी को घर में आने से रोकते हैं।

मकान की वायरिंग

“बरसात के दिनों में करंट आने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसलिए घर में बिजली के तारों की पहले से ही अच्छी तरह जांच करा लें और जरूरत पड़ने पर मरम्मत कराएं”, मिसेज शर्मा ने अपनी दोस्त मिसेज गुप्ता से कहा। “यह सब ठीक है, लेकिन आपने स्विच बोर्ड पर यह प्लास्टिक कवर क्यों चढ़ाया है?” मिसेज गुप्ता ने पूछा तो मिसेज शर्मा ने जवाब दिया, “इस दीवार पर सीलन है, इसलिए मैंने इसे प्लास्टिक कवर से ढक दिया, ताकि स्विच बोर्ड में करंट न आ पाए।” वैसे भी एक्सपर्ट कहते हैं कि खुले तारों को कवर करना और घर की अर्थिंग व्यवस्था की जांच करना बेहद जरूरी है, क्योंकि कई केसों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में करंट का कारण यही बनते हैं।

आउटडोर फर्नीचर

बरसात के दिनों में गार्डन, छत और बालकनी में बैठना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन अगर आपने इन जगहों पर लकड़ी का फर्नीचर लगा रखा है तो आपको उसे संभलना भी होगा, क्योंकि बारिश के कारण यह फर्नीचर फूलकर खराब हो सकता है। इसलिए बरसात के मौसम में आप गार्डन, छत और बालकनी में लकड़ी के फर्नीचर की जगह प्लास्टिक फर्नीचर का इस्तेमाल कर सकती हैं।