कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। इस मामले में केंद्र सरकार के हलफनामे को लेकर खरगे ने शनिवार को कहा कि ‘लाखों युवाओं से सफेद झूठ बोला जा रहा है और उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।’ दरअसल विवादों में घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग बढ़ती जा रही है। इसके बीच, केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में दिए हलफनामे में कहा कि ‘इसे रद्द करना बेहद प्रतिकूल होगा और व्यापक जनहित के लिए, विशेष रूप से इसे उत्तीर्ण करने वालों के करियर को नुकसान हो सकता है।’
मल्लिकार्जुन खरगे की मांग- फिर से कराई जाए नीट परीक्षा
मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा पोस्ट में लिखा, ‘मोदी सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय को बताया है कि नीट-यूजी में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है! लाखों युवाओं से ये सफेद झूठ बोला जा रहा है। उनके भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ‘केवल कुछ जगहों पर अनियमितताएं/चीटिंग हुई हैं। यह गुमराह करने वाली बात है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरी शिक्षा प्रणाली को अपने कब्जे में रखकर शिक्षा माफ़िया को बढ़ावा दिया है।
खरगे ने कहा, ‘एनसीईआरटी की किताबें हों या परीक्षा में गड़बड़ी, मोदी सरकार हमारी शिक्षा व्यवस्थाओं को तबाह करने पर तुली है। हम दोहराते हैं कि नीट-यूजी परीक्षा फिर से कराई जाए और पारदर्शी तरीके तरह से ऑनलाइन कराई जाए । उच्चतम न्यायालय की देखरेख में सभी पेपर लीक घोटालों की गहन जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।’
नीट पेपर लीक के लगे आरोप
उल्लेखनीय है कि एनटीए सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन करती है। इस साल पांच मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नीट पेपर के लीक होने के आरोप लग रहे हैं और परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। इस संबंध में अदालतों में भी कई मामले दायर किए गए। आरोपों की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है।