मानसून अपने साथ बारिश और ठंडक लेकर आता है, जो एक तरफ गर्मी से राहत देता है, लेकिन दूसरी ओर विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बनता है। बारिश के मौसम में वातावरण में नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से पनपते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मानसून में होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
बारिश के मौसम में आमतौर पर सर्दी और जुकाम, फ्लू और वायरल बुखार, डेंगू-मलेरिया, टाइफाइड, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, चिकनगुनिया, फंगल संक्रमण और सांस की समस्या हो सकती है। मानसून में होने वाली इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए योगाभ्यास असरदार है। योग शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है और विभिन्न रोगों से बचाव करता है। बारिश में बीमार होने से बचना है तो आप अभी से इन योगासनों का अभ्यास शुरू कर सकते हैं।
पाचन दुरुस्त रखता है धनुरासन
बारिश के मौसम में पेट संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसका असर त्वचा पर भी पड़ता है और अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में धनुरासन का अभ्यास पेट की मसल्स को मजबूत बनाता है। पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में धनुरासन लाभकारी है। बारिश के मौसम में धनुरासन का नियमित अभ्यास करना चाहिए। इस आसन से पीठ दर्द की शिकायत भी दूर हो सकती है।
बाल झड़ने से रोकता है उत्तानासन
अधिकतर लोगों की शिकायत होती है कि बारिश का मौसम आते ही बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं। मानसून में बढ़ते हेयर फाॅल को रोकने के लिए उत्तानासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए सिर को नीचे झुकाया जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्कैल्प को नॉरिशिंग में मदद मिलती है।
वायरल से दूर रखता है सेतुबंधासन
बारिश के मौसम में सेतुबंधासन का अभ्यास सर्दी-जुकाम, गले में संक्रमण जैसी सामान्य बीमारियों से बचाता है। ये इम्यूनिटी को बूस्ट करने में सहायक है, जिससे सर्दी-जुकाम से बचाव हो सकता है। सेतुबंधासन के अभ्यास के दौरान ब्लड सर्कुलेशन सिर की तरफ अच्छी तरह से होता है। इस आसन को करने के लिए गले की मसल्स की मसाज भी होती है औ गले की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे थायराइड ग्रंथि सक्रिय होती है।