पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने स्वात शहर में कुरान की कथित बेअदबी के आरोप में भीड़ द्वारा व्यक्ति की हत्या किए जाने की घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि सड़क पर भीड़ के न्याय को सही ठहराने के लिए धर्म को हथियार बनाया जा रहा है।’डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमल-एन) पार्टी के नेता इकबाल ने नेशनल असेंबली में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि भीड़ द्वारा न्याय की इस घटना का कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसने पाकिस्तान को बर्बादी के कगार पर ला दिया है।
गोली मारी, शहर में घुमाया, फिर फांसी पर लटकाया
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात शहर में कुरान की कथित बेअदबी के लिए गुस्साई भीड़ ने गुरुवार रात एक पर्यटक की मारकर हत्या की। उसके बाद उसे घसीटते हुए पूरे शहर में घुमाया गया। बाद में उसे सरेआम फांसी पर लटकाया गया।
स्वात घूमने आया था सियालकोट का मुहम्मद इस्माइल
पंजाब प्रांत के सियालकोट निवासी मुहम्मद इस्माइल (40 वर्षीय) स्वात शहर घूमने आया था। उस पर स्वात जिले के मद्यान तहसील में कुरान के पन्ने जलाने का आरोप लगाया गया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के उपसभापति गुलाम मुस्तफा शाह उन्हें रोकते रहे लेकिन इकबाल ने कहा, स्वात में एक और मॉब लिंचिंग हुई है और पाकिस्तान इसके लिए जांच के दायरे में है।
‘संविधान और कानून का उल्लंघन कर रही भीड़’
पीएमएल-एन के महसचिव इकबाल ने आगे कहा कि अगर इस तरह की घटनाएं होती रही तो हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इकबाल ने सियालकोट, जरांवाला और सरगोधा की हुई घटनाओं का भी जिक्र किया, जहां बेअदबी के लिए आरोपियों को भीड़ ने मार डाला था।
अहसान इकबाल पर 2018 में हुआ था हमला
मंत्री ने 2018 की एक घटना को भी याद किया जब कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के एक समर्थक ने उन्हें गोली मार दी थी। इकबाल ने कहा कि वह इसके लिए शुक्रगुजार हैं कि उन्हें नया जीवन मिला। उन्होंने कहा, हमें इस घटना पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हमारा देश बर्बादी के कगार पर है। अब हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गए हैं, जहां हम भीड़ की हिंसा और सड़क पर न्याय को सही ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। देश के संविधान और कानून खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।
‘विधर्मियों के शवों का भी होना चाहिए सम्मान’
उन्होंने कहा कि इस्लाम के अनुसार विधर्मियों के शवों को भी सम्मान दिया जाना चाहिए। इकबाल ने कहा, भीड़ न केवल लोगों को मार रही है। बल्कि वे शवों को आग लगा रहे हैं और तमाशा बना रहे हैं। यह शर्मनाक है। इकबाल ने यह भी मांग की कि भीड़ के हमलों की इन घटनाओं की जांच के लिए एक समिति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में विधर्मियों के शवों के का भी सम्मान किया जाना चाहिए।