गोल्ड कोस्ट (ऑस्ट्रेलिया)। महिला वेटलिफ्टर संजीता चानू ने 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के दूसरे दिन भारत के लिए दूसरा गोल्ड मेडल जीता. संजीता ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर महिलाओं की 53 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में भारत की झोली में एक और स्वर्ण डाला. चानू ने स्नैच में 84 किलोग्राम का भार उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बना डाला. वहीं क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 108 किलोग्राम का भार उठाया और 192 के कुल स्कोर के साथ सोने का तमगा अपने नाम करने में सफल रहीं.
संजीता का दमदार प्रदर्शन
स्पर्धा का रजत पापुआ न्यू गिनी की लाउ डिका ताउ को मिला, जिनका कुल स्कोर 182 रहा. कनाडा की रचेल लेब्लांग को 181 के कुल योग के साथ कांस्य से संतोष करना पड़ा. इससे पहले, खेलों के पहले दिन मीराबाई चानू ने महिलाओं की 48 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को पहला स्वर्ण दिलाया था.
संजीता ने चार साल पहले ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स से अपना दमदार सफर शुरू किया था. तब 20 साल की संजीता चानू ने सब को चौंकाते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया था. इससे पहले 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ खेलों में संजीता ने 42 किलो ग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया था. कुंजरानी देवी को अपना आदर्श मानने वाली संजीता स्वभाव से शर्मीली हैं, लेकिन जब वो मैदान पर उतरती हैं तो उनका दूसरा ही रूप देखने को मिलता है.
अर्जुन पुरस्कार नहीं मिलने पर चली गई थीं कोर्ट
संजीता 2017 में उस समय भी सुर्खियों में आई थीं, जब अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम नहीं था. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अर्जुन अवॉर्ड तो संजीता को नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने अपना जवाब पिछले साल कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 53 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर दिया.संजीता का अगला टार्गेट
दमदार प्रदर्शन के बाद संजीता का अगला टार्गेट जकार्ता एशियन गेम्स और 2020 में होने वाले ओलंपिक खेल हैं. देश की इस होनहार वेटलिफ्टर से भारत को काफी उम्मीदे हैं.