केरल के पम्पाडी के रहने वाले स्टेफिन अब्राहम साबू भी हादसे के दौरान कुवैत में काम करते थे। वे उसी इमारत में थे, जिसमें आग लग गई और 49 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे जीवित हैं या मृत। लेकिन उनके परिवार में गम का माहौल है। सब दुखी हैं। बता दें, बता दें, 40 मृतक भारत के हैं और इनमें से 24 मृतक केरल के निवासी हैं।
नए मकान में शिफ्ट होने वाले थे साबू
पम्पाडी में साबू परिवार के साथ किराए के मकान में रहते थे। उनके मकान मालिक ने बताया कि साबू मात्र 29 साल का लड़का है। वह बहुत ही मेहनती है। मकान मालिक ने बताया कि वे पिछले 13 साल से किराए के मकान में हैं। अब अगस्त में वे अपने घर में जाने वाले थे। साबू पिछले छह साल से कुवैत में काम कर रहा है। साबू छह माह पहले ही घर आया था। उसने निर्माणाधीन घर के लिए टाइल सहित अन्य सामान भी खरीदा था। दो दिन पहले उसने अपनी मां को फोन किया था और घर के काम के बारे में पूछा था। वह अपने नए घर में जाने को लेकर उत्साहित थे।
मकान मालिक ने आगे बताया कि साबू की शादी भी तय थी। उन्होंने लड़की देख रखी थी। अभी कुछ भी तय नहीं है। उन्होंने लड़की देखी हुई थी। वे उसके लौटने और नए घर में शिफ्ट होने के शादी की योजना बना रहे थे। उन्होंने बताया कि साबू तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। बीच वाला भाई भी कुवैत में ही नौकरी करता है और सबसे छोटा भाई इस्राइल में है।
केरल के श्रीहरि भी उसी इमारत में
साबू के अलावा, कोट्टायम का श्रीहरि प्रदीप (27) भी उसी इमारत में रह रहा था, जिसमें आग लगी थी। श्रीहरि के पिता प्रदीप भी कुवैत में रहते हैं। परिवार के एक खास दोस्त ने बताया क श्रीहरि पिछले पांच जून को कुवैत वापस गया था। श्रीहरि कुवैत में एक सुपरमार्केट में काम करता था। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि श्रीहरि की मौत हुई है या फिर वे जीवित है।
शवों की पहचान के लिए कुवैती अधिकारी करा रहे डीएनए टेस्ट
मृतकों के शवों की पहचान के लिए कुवैती अधिकारी डीएनए टेस्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय मृतकों के शव को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना तैयार है । अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना का एक विमान इसके लिए तैयार है। भारतीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर कुवैत के दौरे पर हैं।