मंगलवार को लोकसभा चुनाव का परिणाम चुनाव आयोग ने घोषित किया। इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सीएम एकनाथ शिंदे को उन्हें राज्स सरकार से मुक्त करने का प्रस्ताव दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हार के पहलुओं पर विचार करने और सुधार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्ष के झूठे दावों का मुकाबला करने में वे असफल रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश की 48 लोकसभा सीट में से एनडीए को सिर्फ 17 सीटें मिलीं। जिसमें भाजपा को 9, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 7 और एनसीपी (अजित पवार) को 1 सीट मिली है। वहीं इंडी ब्लॉक महाराष्ट्र में 30 सीटों पर विजयी रही। इस हार के बाद उपमुख्यमंत्री ने हार की जिम्मेदारी ली और अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवींस के इस्तीफा देने की बात से पार्टी को भी बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र में भाजपा और पार्टी की स्थिति देखने के बाद उपमुख्यमंत्री ने यह फैसला किया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं देश की जनता को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने पीएम मोदी को तीसरी बार पीएम बनने के लिए अपना आशीर्वाद दिया। महाराष्ट्र में हमें अपेक्षित नतीजे प्राप्त नहीं हुए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा को जो झटका लगा उसकी पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। क्योंकि पार्टी का नेतृत्व मैं कर रहा था। मैं विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में भाजपा को पूरा समय देना चाहता हूं। मैं भाजपा के आलाकमान से अनुरोध कर रहा हूं कि वे मुझे सरकार की जिम्मेदारियों से मुक्त करें। ताकि मैं आगामी चुनाव के लिए कड़ी मेहनता कर सकूं।
उनके इस बयान के बाद से ही पार्टी के अन्य नेताओं ने प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ही बयान के बाद कहा कि चुनावी हार सामूहिक जिम्मेदारी है, तीनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव में काम किया। हम सामूहिक रूप से विपक्ष का सामना करने में विफल रहे हैं। वोट शेयर देखा जाए तो मुंबई में महायुती को 2 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। उन्होंने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। पिछले दो सालों में सरकार ने राज्य में कई अच्छे काम भी किए हैं। मैं खुद देवेंद्र फडणवीस से बात करूंगा, हम आगे भी साथ मिलकर काम करते रहेंगे।