नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश की उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने सबूत देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। दरअसल, जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा चुनाव के मतदान समाप्त होने के बाद 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। चुनाव आयोग ने रमेश से तथ्यात्मक जानकारी और विवरण मांगा था। कांग्रेस नेता को आयोग ने सोमवार शाम सात बजे तक जवाब देने के लिए कहा है। इससे पहले दिन मुख्य राजीव कुमार ने जयराम रमेश के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है।
जयराम रमेश ने कही थी ये बात
कांग्रेस महासचिव रमेश को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि मतों की गिनती की प्रक्रिया प्रत्येक आरओ पर डाला गया एक पवित्र कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता द्वारा इस तरह के सार्वजनिक बयान संदेह पैदा करते हैं।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी डीएम ने अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं दी है। आयोग ने जयराम रमेश से 150 डीएम का विवरण और जानकारी मांगी है, जिन्हें अमित शाह ने प्रभावित किया है।
रमेश ने लगाए थे यह आरोप
शनिवार को जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अमित शाह डीएम/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। उन्होंने इसे भाजपा की हताशा कहा था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को धमकी के दबाव में नहीं आना चाहिए। अब तक उन्होंने 150 लोगों से बात की है। चार जून को पीएम मोदी, अमित शाह और भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी और इंडी गठबंधन विजयी होगा। अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान को बनाए रखना चाहिए।